बेंगलुरु, 16 मई। एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को कर्नाटक के पूर्व मंत्री व जनता दल-सेक्युलर (JDS) विधायक एवं एच.डी. रेवन्ना को यौन उत्पीड़न मामले में अंतरिम जमानत दे दी। रेवन्ना और उनके बेटे व हासन के मौजूदा सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गत 28 अप्रैल को हासन जिले के होलेनरसीपुर टाउन पुलिस थाने में 47 वर्षीय एक घरेलू सहायिका के यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि 66 वर्षीय विधायक के घर पर पिता-पुत्र ने उसका कथित तौर पर यौन शोषण किया था। प्रज्वल के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों और संबंधित मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने पूर्व मंत्री को हिरासत में दिए जाने का अनुरोध किया था। रेवन्ना के अधिवक्ताओं ने मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया। हालांकि, 42वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत (एसीएमएम) ने मामले की सुनवाई की और रेवन्ना को शुक्रवार तक अंतरिम राहत दी।
एसआईटी ने जद (एस) के संरक्षक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के बेटे रेवन्ना और पौत्र प्रज्वल को जांच में शामिल होने के लिए दो नोटिस भेजी थी, लेकिन दोनों इसमें शामिल नहीं हुए। रेवन्ना ने गुरुवार को अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसपर एसआईटी ने आपत्ति जताई थी और उनकी हिरासत या उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया था। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को मामले की दोबारा सुनवाई करने का फैसला किया और तब तक रेवन्ना को राहत दे दी।
अपहरण के मामले में एचडी रेवन्ना को पहले ही जमानत मिल गई थी
इसके पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए यहां की एक विशेष अदालत ने अपहरण के एक मामले में एचडी रेवन्ना की जमानत याचिका गत सोमवार (13 मई) को मंजूर कर ली थी। इसके बाद रेवन्ना को जेल से रिहा कर दिया गया था। 66 वर्षीय रेवन्ना को एसआईटी ने एक महिला के कथित अपहरण के मामले में चार मई को गिरफ्तार किया था।
अपहरण का यह मामला प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किए जाने के आरोपों से जुड़ा है। 33 वर्षीय प्रज्वल महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इस मामले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा – JDS के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।
ऐसा बताया जा रहा है कि हासन सीट से भाजपा-जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार प्रज्वल कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के पहले चरण (26 अप्रैल) के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को जर्मनी चले गए थे। उन्हें वापस लाने के लिए उनके खिलाफ ‘इंटरपोल ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी की गई है।