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विश्व मुक्केबाजी : जैस्मीन व मीनाक्षी ने जीते स्वर्ण, 4 पदकों के साथ भारतीय महिला मुक्केबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

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लिवरपूल, 14 सितम्बर। भारतीय महिला मुक्केबाजों – जैस्मीन लंबोरिया (57 किग्रा) और मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा) ने अपना नाम इतिहास में दर्ज कराते हुए यहां विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कड़े मुकाबलों में अपने-अपने वर्ग में खिताब जीते जबकि भारत ने विदेशी सरजमीं पर महिला वर्ग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार पदक अपने नाम किए।

ओलम्पिक रजत पदक विजेता जूलिया को हरा जैस्मीन बनीं चैम्पियन

तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप में भाग ले रहीं 24 वर्षीय जैस्मीन पेरिस ओलम्पिक की रजत पदक विजेता पोलैंड की जूलिया जेरेमेटा को हराकर फीदरवेट वर्ग में चैम्पियन बन गई। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली जैसमीन ने 57 किग्रा के फाइनल में शनिवार को देर रात 4-1 (30-27, 29-28, 30-27, 28-29, 29-28) से जीत दर्ज की।

मीनाक्षी ने ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज को दी शिकस्त

वहीं पदार्पण कर रहीं 24 वर्षीय मीनाक्षी ने जैस्मीन की उपलब्धि को दोहराते हुए पेरिस ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान की नाजिम काइजेबे को 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में 4-1 से हराकर जुलाई में विश्व कप में मिली हार का बदला चुकता किया।

जैस्मीन ने कहा, ‘मैं जो महसूस कर रही हूं, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मैं पिछली दो विश्व चैम्पियनशिप में क्वार्टर फाइनल में हार गई थी, लेकिन विश्व कप जीत से मेरा हौसला बढ़ा और मैंने तय किया कि मुझे एकतरफा मैच जीतने हैं। मैंने बस अपनी रणनीति और खेल पर ध्यान केंद्रित किया।’

गैर ओलम्पिक भारवर्ग में नूपुर को रजत, पूजा ने जीता कांस्य

नूपूर शेरोन (80 प्लस किलो) और पूजा रानी (80 किलो) को गैर ओलम्पिक भारवर्ग में क्रमश: रजत और कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। फाइनल में नूपुर को पोलैंड की तकनीकी रूप से कुशल अगाता काज्मार्स्का से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें रजत पदक मिला। इससे पहले सेमीफाइनल में पूजा को स्थानीय खिलाड़ी एमिली एस्क्विथ के हाथों 1-4 के विभाजित फैसले से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।

जैस्मीन व मीनाक्षी इन पदक विजेता भारतीय दिग्गजों की सूची में शामिल

इस जीत के साथ जैस्मीन और मीनाक्षी विश्व चैम्पियन बनने वाली भारतीय मुक्केबाजों की सूची में शामिल हो गई हैं। इससे पहले छह बार की चैम्पियन एम सी मेरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 व 2018), दो बार की विजेता निकहत जरीन (2022 व 2023), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006), नीतू गंघास (2023), लवलीना बोरगोहेन (2023) और स्वीटी बूरा (2023) यह खिताब जीत चुकी हैं।

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