नई दिल्ली, 27 जुलाई। लोकसभा ने गुरुवार को जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर दिया। विधेयक में कई क्षेत्रों में 42 कानूनों से संबंधित कई जुर्माने को दंड में बदलने का प्रावधान है। सजा देने के लिए अदालती अभियोजन आवश्यक नहीं होगा, कई अपराधों के लिए सजा के रूप में कारावास भी हटा दिया जाएगा। केंद्र द्वारा 19 मंत्रालयों को 42 कानूनों में पुराने प्रावधानों को हटाने के लिए कहने के बाद यह कानून पारित किया गया था। यह बिल पिछले साल दिसम्बर में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में पेश किया था।
इन अधिनियमों में हुआ संसोधन
जिन अधिनियमों में संशोधन किया जा रहा है, उनमें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940; सार्वजनिक ऋण अधिनियम, 1944; फार्मेसी अधिनियम, 1948; सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952; कॉपीराइट अधिनियम, 1957; पेटेंट अधिनियम, 1970; पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986; और मोटर वाहन अधिनियम, 1988।
न्यायपालिका और जेलों पर कम होगा बोझ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गत 20 मार्च को पेश की गई संसदीय पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने से न्यायपालिका और जेलों पर बोझ कम होगा जबकि व्यवसाय करना आसान हो जाएगा और साथ ही व्यक्तियों का जीवन भी आसान हो जाएगा। इसमें कहा गया, ‘प्रस्तावित संशोधनों में से कुछ छोटे अपराधों से निबटने के लिए उपयुक्त न्यायनिर्णयन तंत्र पेश कर रहे हैं, जहां भी लागू हो और संभव हो। यह न्यायपालिका पर बोझ को कम करने, अदालतों को मुक्त करने और कुशल न्याय वितरण में मदद करने में काफी मदद करेगा।’