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जम्मू-कश्मीर : डोडा में चार आतंकियों के मारे जाने की खबर, सेना के कैप्टन शहीद, मुठभेड़ जारी

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जम्मू, 14 अगस्त। जम्मू-कश्मीर में डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। हालांकि इस एनकाउंटर में भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन भी बलिदान हो गए। अंतिम समाचार मिलने तक इलाके में भीषण मुठभेड़ जारी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इलाके में खूने के धब्बे मिले थे, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने सर्च अभियान चलाया और एम4 राइफल बरामद की है। इसके अलावा गोला-बारूद और रसद सामग्री भी बरामद की गई है और तीन बैग भी जब्त किए गए हैं।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि डोडा के अस्सर इलाके में भारतीय सेना ने फिर सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में तलाशी दल का नेतृत्व करते समय सेना के एक अधिकारी घायल हो गए। उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बलिदानी कैप्टन दीपक 48 राष्ट्रीय राइफल से हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैप्टन दीपक ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अपने लोगों को निर्देशित करना जारी रखा। मुठभेड़ में उनको गोली लग गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि गंभीर चोटों के कारण कैप्टन ने दम तोड़ दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अस्सर में एक नदी के पास छिपे हुए हैं।

बताया जाता है कि मंगलवार को उधमपुर की तहसील रामनगर के डूडू बसंतगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र में चार आतंकवादी देखे गए थे। देर शाम आतंकियों की मौजूदगी पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। अपनी तरफ सुरक्षा बलों का घेरा बढ़ता देख आतंकी सियोजधार के रास्ते अस्सर होते हुए जिला डोडा की तरफ निकल गए।

सूत्रों के अनुसार सियोजधार इलाके में आतंकवादी दिखे, लेकिन धुंध का फायदा उठाकर ये लोग भाग निकले थे। सियोजधार क्षेत्र में मौसम खराब होने के चलते धुंध इनती ज्यादा थी कि दो फुट की दूरी तक देख पाना मुश्किल हो रहा था। इसके चलते सुरक्षा बलों को तलाशी अभियान में परेशानी आई। आतंकियों के निकलने के बाद सुरक्षा बलों ने डोडा की तरफ सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया। एक सप्ताह पहले भी डूडू बसंतगढ़ में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई थी। तब भी आतंकी भाग निकले थे। हफ्ते भर से सुरक्षा बलों ने जंगल में ही इन आतंकियों को घेरकर रखा था, लेकिन खराब मौसम इन आतंकियों की ढाल बन रहा है।