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जम्मू-कश्मीर : अब आतंक के आरोपितों के पैर में लगेगा GPS, हर मूवमेंट पर रहेगी नजर

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नई दिल्ली, 5 नवम्बर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नई पहल करते हुए जमानत पर रिहा हुए आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए आरोपितों पर निगरानी रखने के लिए GPS एंकलेट का इस्तेमाल शुरू किया है। इस प्रयोग से कश्मीर पुलिस देश की पहली पुलिस फोर्स बन गई है। स्पेशल NIA की स्पेशल कोर्ट जम्मू के आदेश के बाद पुलिस ने गुलाम भट को यह अनोखा GPS ट्रैकर पहनाया।

गुलाम मोहम्मद बना भारत में सबसे पहले GPS ट्रैकर पहनने वाला आरोपित

इसके साथ ही अब भारत में सबसे पहले GPS ट्रैकर पहनने वाला आरोपित हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा एक ऑपरेटिव गुलाम मोहम्मद भट बन गया है। गुलाम 2007 के टेरर फंडिंग केस में मुख्य आरोपित है।

गुलाम भट, उधमपुर में कई धाराओं समेत UAPA केस में भी बड़ा आरोपित है। उसने अपनी जमानत के लिए याचिका लगाई थी। गुलाम टेरर फंडिंग के ढाई लाख रुपये ले जाते हुए पकड़ाया था। पुलिस की जानकारी के अनुसार गुलाम, हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा रहा है। इसके पहले आतंकी साजिश रचने के आरोप में NIA और दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट भी उसे दोषी ठहरा चुका है और वह अब तक 12 साल की सजा काट चुका है।

क्या है GPS एंकलेट

दरअसल, GPS एंकलेट का सिस्टम कुछ इस तरह से बनाया गया है, जिसमें इसे रिहा होने वाले शख्स के टखने में एक लॉक पहनाया जाएगा। इसके बाद उसके मूवमेंट की ट्रैकिंग पुलिस कंट्रोल रूम से की जाएगी। वहीं गुलाम मोहम्मद भट के उदहारण से समझें तो अब जेल से बहार होने पर भी जम्मू-कश्मीर में उसके हर कदम का हिसाब रखा जाएगा, उसकी हर गतिविधि की जांच होगी।

ये है इस एंकलेट का फायदा

गौरतलब है कि इस एंकलेट का इस्तेमाल अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में जमानत, पैरोल और हाउस अरेस्ट (नजरबंद) आरोपित व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अक्सर किया जाता है। इससे जेलों में भीड़ भी कम होती है। हालांकि वहीं इन अपराधियों पर हर वक्त पुलिस और कानून की नजर भी रहती है।

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