जम्मू, 9 जुलाई। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने वैचारिक मतभेदों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया है और जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग से जम्मू की चिनाब घाटी के अतर्गत विधानसभा सीटों में बढ़ोतरी की मांग की है।
- भाजपा का आरोप – 2011 की जनगणना में हेराफेरी की गई थी
जस्टिस (अवकाशप्राप्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की बैठक के दौरान भाजपा नेता सुनील शर्मा ने सुझाव दिया कि परिसीमन का आधार ताजा मतदाता सूची होनी चाहिए। 2011 की जनगणना इसका आधार नहीं होना चाहिए क्योंकि 2011 की जनगणना में हेराफेरी की गई थी।
सुनील शर्मा का कहना था, ‘पहले दो परिवारों को खुश करने के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की जाती थी। हमारा सुझाव है कि जनसंख्या का एकमात्र मापदंड नहीं होना चाहिए। भू-भाग, उसकी विशालता, सुगमता और बिखरी हुई आबादी को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। चिनाब घाटी को चिनाब नदी के वाटरशेड के अनुसार देखा जाना चाहिए और उसकी हिसाब से नए निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए।’
दूसरी तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता देवेंद्र सिंह राणा ने कहा, ‘परिसीमन आयोग को जम्मू क्षेत्र के सभी तबकों को अपना उचित हिस्सा देना चाहिए ताकि सभी क्षेत्रों और उप क्षेत्रों के समान सशक्तिकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता प्रभावित न हो।’ उन्होंने कहा कि जम्मू के हर इलाके की अपनी-अपनी चुनौतियां हैं और परिसीमन के दौरान इन चुनौतियों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
- विकेंद्रीकरण लोकतंत्र का मूल होना चाहिए : नेशनल कॉन्फ्रेंस
एनसी के नेताओं ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि आयोग सबसे पारदर्शी, विवेकपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से सभी को न्याय प्रदान करने के लिए संवैधानिक ढांचे के अनुसार परिसीमन होगा। हमें लगता है कि विकेंद्रीकरण लोकतंत्र का मूल होना चाहिए, सभी क्षेत्र या उप क्षेत्र शासन में समान भूमिका के लिए तरसते हैं।’