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कांवड़ मार्ग पर नेम प्लेट आदेश : कोर्ट जाने की जमीयत तैयारी कर रहा जमीयत उलेमा ए हिन्द, दिल्ली में बुलाई बैठक

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नई दिल्ली, 21 जुलाई। प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ‘भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक’ फैसला है तथा इससे संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हनन होता है।

मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा

जमीयत उलेमा ए हिन्द ने कहा है कि इस फरमान को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी क्योंकि धर्म की आड़ में नफरत की राजनीति की जा रही है। जमीयत ने इस संबंध में अहम बैठक बुलाई है। उसका यह भी कहना है कि उसकी कानूनी टीम इस आदेश के कानूनी पहलुओं पर विचार करने में जुटी है।

उल्लेखनीय है कि एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने भी इस मामले को चुनौती देते हुए शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। शीर्ष अदालत सोमवार, 22 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगी।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश के कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 19 जुलाई को पूरे राज्य के लिए ऐसा ही आदेश जारी करने का फैसला किया।

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, ‘यह एक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक फैसला है। इस फैसले से देश विरोधी तत्वों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा और इस नए आदेश के कारण सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर क्षति पहुंचने की आशंका है। देश के सभी नागरिकों को संविधान में इस बात की पूरी आजादी दी गई है कि वे जो चाहें पहनें, जो चाहें खाएं, उनकी व्यक्तिगत पसंद में कोई बाधा नहीं डालेगा क्योंकि यह नागरिकों के मौलिक अधिकार के विषय हैं।’

मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही आदेश लागू करने की मांग

इस बीच मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही आदेश लागू करने की मांग उठने लगी है। मीडिया की खबरों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी ऐसा कदम उठाया जाना चाहिए। वहीं केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर फल विक्रेताओं को अपनी दुकानों पर नाम लिखने के लिए कहे जाने में उन्हें कुछ भी गलत नहीं लगता है।