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जानलेवा साबित हो रहा ‘जल्लीकट्टू’, 14 वर्षीय किशोर को सांड़ ने रौंदा, मौके पर हुई मौत

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नई दिल्ली, 22 जनवरी। मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही तमिलनाडु में शुरू हुआ जल्लीकट्टू के आयोजन में युवक बढ़ -चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन खेल अब जानलेवा साबित होने लगा है। ताजा मामला तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले से सामने आया है जहां ‘जल्लीकट्टू’ का कार्यक्रम देखने आए एक 14 वर्षीय किशोर को सांड़ ने पटक-पटककर मार डाला। ये प्रोग्राम थाडांगम गांव में आयोजित किया गया था।

रिश्तेदारों के साथ जल्लीकट्टू देखने गया युवक

दरअसल, गोकुल नाम का लड़का अपने रिश्तेदारों के साथ जल्लीकट्टू देखने गया था। एक सांड़ ने उसके पेट पर वार कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। आनन-फानन में परिजन युवक को लेकर धर्मपुरी सरकारी अस्पताल में पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

गोकुल जान गंवाने वाला चौथा व्यक्ति

मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गोकुल कैसे घायल हुआ था। इस साल जल्लीकट्टू खेल के दौरान जान गंवाने वाला गोकुल चौथा व्यक्ति है। इससे पहले तमिलनाडु के अवनियापुरम गांव में जल्लीकट्टू कार्यक्रम के दौरान कम से कम 23 लोग घायल हो गए थे।

जल्लीकट्टू क्या है?

गौरतलब है  जल्लीकट्टू जनवरी के मध्य में पोंगल की फसल के समय खेला जाने वाला एक लोकप्रिय खेल है। इस खेल में भीड़ के बीच एक सांड़ को खोल दिया जाता है। जल्लीकट्टू के खेल में खिलाड़ियों को खुले सांड़ को काबू में करना होता है। यह आमतौर पर तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के हिस्से के रूप में प्रचलित है, जो चार दिवसीय फसल उत्सव के तीसरे दिन होता है। तमिल शब्द ‘मट्टू’ का अर्थ है सांड़, और पोंगल का तीसरा दिन मवेशियों को समर्पित है, जो खेती की प्रक्रिया में एक प्रमुख भागीदार हैं। जल्लीकट्टू को एरु थझुवुथल और मनकुविरत्तु के नाम से भी जाना जाता है।

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