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जयशंकर के तल्ख तेवर – पाकिस्तान ऐसा कैंसर, जो खुद को पहुंचा रहा नुकसान

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मुंबई, 18 जनवरी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए उसे एक ऐसा कैंसर बताया है, जो खुद अपने समाज को नुकसान पहुंचा रहा है। जयशंकर ने यहां 19वें नानी ए. पी. पालखीवाला स्मृति व्याख्यान के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियां अब उसके अपने राजनीतिक तंत्र को भी प्रभावित कर रही हैं।

समाचार चैनल एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जयशंकर ने कहा, ‘पाकिस्तान हमारे पड़ोस में एक अपवाद है। उसकी आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियां अब उसके खुद के लिए घातक बन चुकी हैं। पूरे उपमहाद्वीप की साझा रुचि है कि पाकिस्तान अपनी इस सोच से तौबा करे।’

विदेश मंत्री ने भारत की कूटनीति और तकनीकी प्रगति पर भी जोर देते हुए कहा, ‘भारत भले ही पश्चिम का हिस्सा न हो, लेकिन उसके रणनीतिक हित यह सुनिश्चित करते हैं कि वह पश्चिम के खिलाफ भी नहीं है।’ उन्होंने उभरती हुई और महत्वपूर्ण तकनीकों में भारत के पीछे न रहने की आवश्यकता पर बल दिया।

भारत विश्वबंधुऔर वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद भागीदार

जयशंकर ने भारत को ‘विश्वबंधु’ यानी सबका मित्र और वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद भागीदार बताया। उन्होंने कहा कि भारत की कूटनीति का उद्देश्य अधिक से अधिक दोस्ती करना और समस्याओं को कम करना है। हालांकि, यह सब भारत के राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। उन्होंने क्षेत्रीय और मध्यम शक्ति वाले देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि यह भारत के राजनयिक प्रोफाइल को विस्तारित करने में मददगार साबित हुआ है।

भारत की कूटनीति – आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित

विदेश मंत्री ने भारत की कूटनीति को तीन शब्दों में परिभाषित किया – आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित। उन्होंने कहा, ‘पिछले दशक ने दिखाया है कि हम विविध रिश्तों को बिना किसी विशेष एकाधिकार के आगे बढ़ा सकते हैं। ध्रुवीकृत स्थितियों ने हमारी विभाजन को पाटने की क्षमता को उजागर किया है।’

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