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संयुक्त राष्ट्र में जयशंकर ने कहा – भारत सभी युद्ध तत्काल बंद करने, बातचीत व कूटनीति का रास्ता अपनाने का पक्षधर

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संयुक्त राष्ट्र, 23 सितम्बर। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा है कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने और बातचीत का रास्ता अपनाना वक्त की जरूरत है। इसके साथ ही भारत ने यह भी ध्यान दिलाया कि परमाणु मुद्दा विशेषतौर चिंता वाली बात है। भारत ने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहा था कि यह दौर युद्ध का दौर नहीं हो सकता।

परमाणु मुद्दा खास तौर पर चिंताजनक

यूक्रेन ‘दंड माफी के खिलाफ लड़ाई’ विषय पर 15 सदस्यीय यूएनएससी में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, ‘यूक्रेन युद्ध की दिशा पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गभीर चिंता का विषय है। भविष्य के अनुमान और ज्यादा परेशान करने वाले दिख रहे हैं। परमाणु मुद्दा खास तौर पर चिंताजनक है।’

यूरोप और विदेश मामलों की फ्रांसीसी मंत्री कैथरीन कोलोना की अध्यक्षता में गुरुवार को यह चर्चा हुई। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र मे भाग लेने के लिए दुनियाभर के नेता संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एकत्र हैं।

परिषद की इस चर्चा को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस, अमेरिका के विदेश मंत्री एटनी ब्लिंकन, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव और ब्रिटेन के विदेश मंत्री, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के मंत्री, जेम्स क्लेवेर्ली और सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने संबोधित किया।

युद्ध का प्रभाव सुदूर क्षेत्रों में भी महसूस होने लगा है

डॉ. जयशंकर ने परिषद को बताया कि वैश्विकरण के इस दौर में युद्ध का प्रभाव सुदूर क्षेत्रों में भी महसूस होने लगा है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी ने कीमतों में वृद्धि, खाद्यान्न, उर्वरक और ईधन की कमी महसूस करनी शुरू कर दी है। खास तौर से विश्व के दक्षिणी हिस्से का ज्यादा परेशानी हो रही है।’

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