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रूस के साथ बिजली उत्पादन को लेकर समझौते के बाद मॉस्को में बोले जयशंकर – रक्षा व परमाणु ऊर्जा में रूस विशेष भागीदार

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मॉस्को, 26 दिसम्बर। भारत और रूस के बीच बिजली उत्पादन को लेकर मंगलवार को कुछ अहम समझौते हुए। रूस के पांच दिवसीय दौरे के बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यहां भारतीय समुदाय के साथ चर्चा में यह जानकारी दी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, ‘रक्षा व परमाणु ऊर्जा में रूस एक विशेष भागीदार है। आज हमने कुडनकुलम परमाणु इकाईयों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।’ उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष और परमाणु के क्षेत्रों में उन देशों के साथ सहयोग किया जाता है, जिनके साथ आपके भरोसे के संबंध हों।

उल्लेखनीय है कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूस की तकनीकी सहायता से तमिलनाडु में बनाया जा रहा है। जयशंकर ने साथ ही कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत और यूरेशियन आर्थिक क्षेत्र के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर व्यक्तिगत बातचीत शुरू करने के लिए उनकी वार्ता टीमें जनवरी के अंत तक मिलेंगी।

इससे पहले एक अन्य कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने कहा कि भू-राजनीति और रणनीतिक रूप से एक दूसरे पर निर्भरता की वजह से भारत और रूस के संबंध हमेशा मजबूत बने रहेंगे। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक पोस्ट में लिखा था कि वह रूसी नेताओं के साथ दोनों देशों में कनेक्टिविटी बढ़ाने, क्षेत्रीय संघर्ष आदि मुद्दों पर बात करेंगे।

यूक्रेन युद्ध के दौरान भी रूस की आलोचना से भारत ने किया परहेज

गौरतलब है कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनियाभर में रूस के इस कदम की आलोचना हुई, लेकिन भारत ने भारी दबाव के बावजूद अपने पुराने मित्र देश की आलोचना नहीं की। हालांकि भारत ने साफ किया कि वह युद्ध के खिलाफ है, लेकिन खुले तौर पर रूस की आलोचना करने से भारतीय नेतृत्व ने परहेज किया और कहा कि कूटनीति और बातचीत से विवाद का हल होना चाहिए। यही नहीं वरन यूक्रेन से युद्ध के बाद भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात किया है।