नई दिल्ली, 1 जनवरी। जैन समुदाय के लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी इंडिया गेट मुंबई सहित देश के कई हिस्सों में नए वर्ष के पहले दिन रविवार को जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। समाज का यह विरोध झारखंड सरकार के एक फैसले को लेकर चल रहा है।
पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध
गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने राज्य में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किया था। उसके बाद जैन समाज के लोग दिल्ली समेत कई जगहों पर झारखंड सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। झारखंड सरकार के फैसले के साथ-साथ शत्रुंजय पहाड़ी के पलिताना में सीसीटीवी फुटेज में कुछ बदमाशों द्वारा मंदिर की सीढ़ियों और खंभे को तोड़ने का एक वीडियो सामने आने के बाद जैन समुदाय का विरोध भड़क उठा।
शत्रुंजय पहाड़ी के पास अवैध अतिक्रमण का भी आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समुदाय ने शत्रुंजय पहाड़ी के पास अवैध अतिक्रमण का भी आरोप लगाया है। संगठन के एक बयान में कहा गया है कि गौचर पर अवैध रूप से घर बनाए जा रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों द्वारा इस इलाके के आसपास अवैध शराब की दुकानें चलाने का भी आरोप लगाया है। समुदाय ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने को कहा है।
20 जैन तीर्थंकरों और भिक्षुओं ने यहां मोक्ष प्राप्त किया
प्राप्त जानकारी के अनुसार समाज के कई जैन मुनियों ने झारखंड सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। पारसनाथ हिल को सम्मेद शिखर के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थल जैन समुदाय के लोगों के लिए तीर्थ स्थल है। श्री सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है। जैन धार्मिक मान्यता के अनुसार 24 में 20 जैन तीर्थंकरों और भिक्षुओं ने यहां मोक्ष प्राप्त किया।
5 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर : महाराष्ट्र के मंत्री
इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री एमपी लोढ़ा ने एक समाचार एजेंसी को बताया, ‘हम पलिताना में मंदिर की तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने काररवाई की है, लेकिन हम उनके (जिन्होंने मंदिर में तोड़फोड़ की) सख्त काररवाई चाहते हैं। आज 5 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर हैं।’
दिल्ली समेत कई जगहों पर प्रदर्शन
नए साल के पहले दिन यानी रविवार (1 जनवरी) को दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत देश के कई हिस्सों में जैन समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। इसके अलावा कर्नाटक, झारखंड और मध्य प्रदेश के जैन विभिन्न स्थानों पर मौन विरोध प्रदर्शन करते दिखे।