नई दिल्ली, 6 जनवरी। रामानंद सागर के टीवी सीरियल रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल में आज भी लोग मर्यादा पुरुषोत्म की छवि देखते हैं। लोग उन्हें प्रभु श्रीराम जैसा ही मान देते हैं और उनके पैर छूने को आतुर रहते हैं चाहे आम इंसान हो या फिर जगद्गुरु। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें स्वामी जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी, अरुण गोविल से मिलकर इतने भावुक हो गए हैं कि उनके नेत्रों से अश्रु धारा बहने लग गई।
अरुण गोविल से मिल रोने लग गए जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी
इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस इमोशनल वीडियो में देखा जा सकता है कि भगवत कथा कर रहे स्वामी जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के पास टीवी के राम यानी अरुण गोविल आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। जगद्गुरु इतने भावुक हो जाते हैं कि उन्हें देखकर सीना से लगाकर रोने लग गए। काफी देर तक वो अरुण गोविल को सीने से छिपकाए रोते रहे। ये नजारा देखने वाले आसपास खड़े लोग अश्रुपूर्ण नेत्रों से विहंगम दृश्य को देखते ही रह जाते हैं।
इन बंद आंखों से मुझे राम जी का स्वरुप दिखता था’
कुछ देर बार जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने अरुण गोविल से कहा- ‘तुम अभिनय करते थे। इन बंद आंखों से मुझे राम जी का स्वरुप दिखता था।’ इसके जवाब में अरुण गोविल इतने अभिभूत हो गए कि उनके मुख से मुश्किल से निकल पाया, ‘बस आपकी कृपा है।’ इस मुलाकात के दौरान जगद्गुरु ने अरुण गोविल से राम का संवाद सुनाने को कहा। अभिनेता ने उनका अनुरोध माना और कुछ लाइनें सुनाईं। उन्होंने कहा जब अरुण गोविल राम का किरदार निभाते थे इनमें प्रभु श्रीराम का आवेश होता था।
5 साल की उम्र से कंठस्थ है गीता
बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी जन्म से ही देख पाने में सक्षम नहीं हैं। 5 साल की अवस्था में उन्हें पूरी गीता कंठस्थ कर ली थी, सात साल की आयु में उन्हें पूरा राम चरित्र मानस याद था। उनका कहना है कि उन्हें अब सिर्फ कौशल्या कुमार राम चाहिए।’ काफी कम आयु में ही उन्होंने राम कथा सुनाना शुरू कर दिया था।