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ट्विन टावर के जमींदोज होने में सिर्फ 9 सेकेंड लगे, आस-पास उठा धुएं का गुबार

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नोएडा, 28 अगस्त। नोएडा के सेक्टर-93-ए में सुपरटेक के करीब 100 मीटर ऊंचे अवैध ट्विन टावर को रविवार अपराह्न 2.30 बजे नियंत्रित विस्फोटकों की मदद से ढहा दिया गया। कुतुबमीनार से भी ऊंची दो इमारतें सिर्फ नौ सेकेंड में जमींदोज हो गईं और आस-पास की इमारतें कुछ देर के लिए सैंकड़ों फुट ऊंचा उड़े धुएं के गुबार में ढक गईं।

भारत में विस्फोटक के जरिए ध्वस्त होने वाली सबसे ऊंची इमारत

उल्लेखनीय है कि ट्विन टावर भारत में विस्फोटक के जरिए ध्वस्त होने वाली सबसे ऊंची इमारत थी। इसमें एक टावर 32 मंजिल का था, जिसकी ऊंचाई लगभग 103 मीटर थी। वहीं, दूसरा टावर 30 मंजिल का था, जिसकी ऊंचाई 97 मीटर थी। इन दोनों ही Tower की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा थी।

3,800 किलो विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ध्वस्त किया गया ट्विन टावर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ट्विन टावर को ढहाए जाने की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। इसे गिराने में करीब 3,800 किलो विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। दोनों टावरों के कॉलम में कुल 9, 640 छेद किए गए थे। इन सबमें एक साथ विस्फोट के लिए 20,000 सर्किट बनाए गए थे। दोनों टावरों में प्राइमरी और सेकेंडरी 36 ब्लास्ट फ्लोर तय किए गए थे, जिन पर विस्फोटक लगाया गया था। इमारत को ढहाए जाने से पहले चेतावनी के लिए सायरन बजाया गया। इसके बाद ट्रिगर की मदद से इसे गिराया गया।

ट्विन टावर के आस-पास का लगभग 500 वर्ग मीटर क्षेत्र वर्जित क्षेत्र में तब्दील

इससे पहले रविवार सुबह तक ट्विन टावर के पास स्थित दो सोसाइटी में रह रहे कम से कम 5,000 लोगों को निकालने का काम पूरा कर लिया गया था। साथ ही रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई थी। ध्वस्तीकरण के मद्देनजर नोएडा सेक्‍टर-93A के एमराल्‍ड कोर्ट, जहां ट्विन टावर स्थित था, सील कर दिया गया था, और आस-पास के लगभग 500 वर्ग मीटर के क्षेत्र को वर्जित क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया था, जहां किसी भी इंसान, वाहन या जानवर को जाने की अनुमति नहीं थी।

डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) राजेश एस. के अनुसार, करीब 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया था। इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।

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