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स्पेसएक्स के रॉकेट से कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा इसरो, 4,700 किलोग्राम का होगा उपग्रह GSAT-N2

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चेन्नई 17 नवंबर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उन्नत संचार उपग्रह जीसैट-एन2 को स्पेसएक्स सोमवार को अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 (एसएलसी-40) से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में प्रक्षेपित करेगा। दो घंटे की विंडो दोपहर 1:31 बजे ईटी पर खुलेगी।

स्पेसएक्स ने अपनी वेबसाइट पर कहा यदि आवश्यक हो तो मंगलवार, 19 नवंबर को सुबह 4:33 बजे ईटी पर खुलने वाली दो घंटे की विंडो के दौरान बैकअप अवसर उपलब्ध है।
चरण पृथक्करण के बाद पहला चरण जस्ट रीड द इंस्ट्रक्शन्स ड्रोनशिप पर उतरेगा जो अटलांटिक महासागर में तैनात होगा।

इसरो ने कहा जीसैट-20 इसरो द्वारा विकसित एक संचार उपग्रह है और इसे स्पेसएक्स फाल्कन 9 द्वारा लॉन्च किया जाएगा। यह फाल्कन की 19वीं उड़ान होगी। यह एक वाणिज्यिक मिशन होगा। हालांकि इसरो के एलएमवी-3 में जीटीओ में 4,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता है लेकिन भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे एलन मस्क के स्वामित्व वाले स्पेसएक्स के अमेरिका से फाल्कन-9 लॉन्च वाहन का उपयोग करके लॉन्च करने का विकल्प चुना। इसका वजन 4,700 किलोग्राम है।

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा वित्तपोषित, स्वामित्व और संचालित जीसैट-20, संचार उपग्रहों की जीसैट श्रृंखला की निरंतरता होगी और इसका उद्देश्य भारत के स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा आवश्यक संचार अवसंरचना में डेटा संचरण क्षमता को जोड़ना है। सीएमएस-02 उपग्रह की पूरी क्षमता डिश टीवी को पट्टे पर दी जाएगी।

यह उपग्रह 32 उपयोगकर्ता बीम से सुसज्जित है जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर आठ संकीर्ण स्पॉट बीम और शेष भारत पर 24 चौड़े स्पॉट बीम शामिल हैं। इन 32 बीम को मुख्य भूमि भारत में स्थित हब स्टेशनों द्वारा समर्थित किया जाएगा।

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