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इसरो ने दी जानकारी – ‘विक्रम लैंडर’ को स्लीप मोड में सेट किया गया, 22 सितम्बर से फिर काम शुरू करने की उम्मीद

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बेंगलुरु, 4 सितम्बर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की कि ‘विक्रम लैंडर’ को सोमवार सुबह लगभग आठ बजे (भारतीय मानक समय) स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है। पेलोड द्वारा एकत्र किया गया डेटा पृथ्वी पर भेज दिया गया है और पेलोड अब बंद हो गए हैं। इसरो को उम्मीद है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान 22 सितम्बर के आसपास फिर से काम करना शुरू कर देंगे।

इसरो ने X पर बताया कि विक्रम लैंडर लगभग 08:00 बजे स्लीप मोड में सेट हो गया है। पेलोड अब बंद कर दिए गए हैं। लैंडर रिसीवर चालू रखे गए हैं। सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी खत्म हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के बगल में स्लीप मोड में चला जाएगा।

इससे पहले इसरो ने बताया कि ‘विक्रम’ लैंडर उम्मीद भरे एक प्रयोग से सफलतापूर्वक गुजरा और इसने चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। कमांड मिलने पर ‘विक्रम’ (लैंडर) ने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया।

इसरो ने कहा कि इस प्रक्रिया से भविष्य में ‘सैंपल’ वापसी और चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ गई हैं। ‘विक्रम’ की प्रणालियां ठीक तरह से काम कर रही हैं और वे ठीक हालत में हैं, लैंडर में मौजूद रैम्प और उपकरणों को बंद किया गया और प्रयोग के बाद पुन: सफलतापूर्वक तैनात किया गया।

गौरतलब है कि भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था। भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।

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