नई दिल्ली, 5 सितंबर। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने आदित्य-L1 को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। इसरो ने ट्वीट (X) किया कि सौर मिशन पर भेजे गए आदित्य-L1 ने दूसरी बार अपनी कक्षा सफलतापूर्वक बदली है। आदित्य-L1 के कक्षा बदलने के ऑपरेशन के दौरान बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में सैटेलाइट के जरिए इसकी ट्रैकिंग की गई है।
आदित्य L1 अब 245km x 22459 km की कक्षा से निकलकर 282 km x 40225 km में पहुंच चुका है। आदित्य L1 की यह दूसरी बड़ी सफलता है और उसने अब सूरज की ओर अपना कदम और आगे बढ़ा दिया है। अब 10 सितंबर को रात के ढाई बजे तीसरी बार फिर आदित्य-L1 की कक्षा बदली जाएगी।
सूर्य मिशन की प्रक्रिया के मुताबिक आदित्य-L1 को 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करनी है, इसके बाद ही वह सूर्य की ओर अपने मार्ग पर बढ़ जाएगा। आदित्य L1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। बता दें कि बीते शनिवार को इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने आदित्य-L1 मिशन को लॉन्च किया था। तीन दिनों में तीसरी बार इसके आर्बिट में यह बदलाव किया गया है।
- आदित्य-L1 का लक्ष्य
इसरो ने बताया कि आदित्य-L1 बड़ी चुस्ती से अपनी यात्रा कर रहा है। अभी वह 18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार ऑर्बिट बदलेगा। अगली ऑर्बिट मैन्यूवरिंग 10 सितंबर की रात को होगी। जब आदित्य अपने तय स्थान यानि यानी L1 तक पहुंच जाएगा तब वह हर दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा।
माना जा रहा है कि पहली तस्वीर फरवरी या मार्च में मिलेगी। VELC को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है। सूर्ययान में लगा VELC सूरज की HD फोटो लेगा। इस पेलोड में लगा कैमरा सूरज के हाई रेजोल्यूशन तस्वीरे लेगा। ISRO वैज्ञानिकों ने आदित्य-L1 मिशन को पांच साल के लिए बनाया है लेकिन अगर यह सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है।