तेल अवीव/बेरूत, 24 सितम्बर। पेजर और वॉकी-टॉकी में सीरियल विस्फोट कराने के बाद इजराइल ने अब लेबनान में सक्रिय हिजबुल्लाह के खिलाफ अब सीधे युद्ध छेड़ दिया है। इस क्रम में इजराइली सेना ने सोमवार को लेबनान पर 1600 एयर स्ट्राइक किए। इन हमलों में लगभग 500 लोग मारे जा चुके हैं।
‘लेबनान के लोगों से कोई दुश्मनी नहीं, लेकिन हिजबुल्लाह को नहीं छोड़ेंगे‘
इस बीच इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान की जनता को संबोधित करते हुए कहा है कि आप लोग सुरक्षित ठिकानों पर चले जाएं। नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘लेबनान के लोगों से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन हिजबुल्लाह को नहीं छोड़ेंगे।’ इजराइल के इन हमलों से पूरे पश्चिम एशिया में ही हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिका ने अपने कुछ और सैनिकों को भेजने का एलान किया है तो वहीं ईरान ने अंजाम भुगतने की धमकी दी है।
1600 एयरस्ट्राइक के बाद इजराइल ने रातभर किए हमले
गौरतलब है कि लेबनान में 1600 एयरस्ट्राइक कर 500 लोगों को मारने के बाद भी इजराइल का कहर थमा नहीं है। हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाते हुए इजराइल ने पूरी रात हमले बोले। इसके अलावा मंगलवार को भी सुबह से ही हमले शुरू कर दिए।
हिजबुल्लाह भी दे रहा रॉकेट से जवाब, इजराइल ने 7 दिनों की इमरजेंसी घोषित की
हालांकि इजराइली हमलों के जवाब में हिजबुल्लाह की तरफ से भी करीब 200 रॉकेट इजराइल पर दागे गए हैं। इसी के चलते इजराइल ने सात दिनों की इमरजेंसी घोषित की है और आयरन डोम को भी सक्रिय कर दिया है। दरअसल, जब हिजबुल्लाह ने रातभर रॉकेटों की बौछार शुरू की तो हाइफा, अफुला, नाजरेथ और उत्तरी इजराइल के अन्य शहरों में रॉकेट सायरन बज उठे। समूह ने कहा कि हमलों ने कई इजराइली सैन्य ठिकानों और हवाई क्षेत्रों को निशाना बनाया।
इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष से क्षेत्र में चौतरफा युद्ध की आशंका
देखा जाए तो पिछले वर्ष सात अक्टूबर को गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से चल रहे इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष ने क्षेत्र में चौतरफा युद्ध की आशंका पैदा कर दी है क्योंकि कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है।
हजारों लोग दक्षिणी लेबनान के कस्बों और गांवों से राजधानी बेरूत की ओर भाग गए क्योंकि इजराइली सेना ने सीमा पार हिंसा के लगभग एक वर्ष में यहूदी राष्ट्र की सबसे तीव्र बमबारी में देश में 1,600 हिजबुल्लाह ठिकानों पर हमला किया।
लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजराइली हमलों में दर्जनों महिलाओं और बच्चों सहित 492 लोगों की मौत हो गई और 1,645 अन्य घायल हो गए, जिससे लेबनान में 1975-1990 के गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद से प्रतिदिन सबसे अधिक मौतें हुईं।