तेल अवीव (इजरायल), 6 सितम्बर। वैश्विक कोरोना महामारी से जंग के बीच भारत सहित बहुसंख्य आबादी वाले दुनिया के अधिकतर देशों में जहां वैक्सीन की पहली या दूसरी खुराक दी जा रही है वहीं इजरायल के एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलमान जारका का कहना है कि भविष्य में कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की भी जरूरत पड़ सकती है।
इजरायली नागरिकों को लगाए जा रहे बूस्टर शॉट
ज्ञातव्य है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में इजरायल शुरू से ही आगे रहा है। उसने कोरोना से निबटने के लिए हर संभव प्रयास किए, जिसकी दुनियाभर में तारीफ हुई और अब वह अपने नागरिकों को वैक्सीन की तीसरी व चौथी डोज लगाने की बात कर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने अपने सभी नागरिकों को कोरोना वायरस का बूस्टर शॉट देना शुरू कर दिया है।
बूस्टर प्रोग्राम न शुरू करने की डब्ल्यूएचओ की देशों से अपील
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने देशों से बूस्टर प्रोग्राम नहीं शुरू करने का आग्रह किया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तब तक ऐसा नहीं किया जाए, जब तक कि अन्य सभी देश कम से कम कमजोर वर्ग के लोगों का टीकाकरण करने में सक्षम न हो जाएं।
बूस्टर शॉट कोरोना के वैरिएंट से बचाने में सक्षम
फिलहाल जारका का कहना है, ‘कोरोना के कई वैरिएंट सामने आ रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। आशंका है कि इससे मौतों और अस्पतालों में भर्ती कराए जाने वालों का आंकड़ा बढ़ेगा। ऐसी स्थिति में कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत कुछ समय बाद पड़ सकती है। हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए।’
जारका ने कहा कि बूस्टर शॉट कोरोना के वैरिएंट से बचाने में सक्षम हैं। डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच बूस्टर शॉट की जरूरत बढ़ गई है। वैसे कई देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों का भी कहना है कि भविष्य में कम से कम छह महीने या एक वर्ष में बूस्टर शॉट्स की जरूरत होगी।