मुंबई, 25 अक्टूबर। इजराइल-हमास युद्ध के बीच पश्चिम एशिया में तनाव का माहौल रहने से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार पांचवें सत्र में भी जबर्दस्त गिरावट देखने को मिली। इन पांच दिनों के भीतर निवेशकों की पूंजी 14.60 लाख करोड़ रुपये तक कम हो चुकी है।
इस गिरावट का असर बीएसई में सूचीबद्ध कम्पनियों के बाजार पूंजीकरण पर भी पड़ा है। पांच सत्रों में इन कम्पनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 14,60,288.82 करोड़ रुपये कम होकर 3,09,22,136.31 करोड़ रुपये पर आ गया।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘वैश्विक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में बैंकिंग, आईटी शेयरों में गिरावट आई। भारतीय शेयरों का उच्च मूल्यांकन एक चिंता का विषय रहा है और मौजूदा वैश्विक उथल-पुथल को देखते हुए निवेशक अपना इक्विटी जोखिम कम कर रहे हैं।’ वित्तीय एवं आईटी शेयरों में भारी बिकवाली से दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी करीब एक प्रतिशत तक गिर गए।
सेंसेक्स में 5 दिनों के भीतर 2,379.03 अंक यानी 3.58 प्रतिशत की गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 522.82 अंक यानी 0.81 प्रतिशत गिरकर 64,049.06 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 659.72 अंक यानी 1.02 प्रतिशत तक गिरकर 63,912.16 अंक पर भी आ गया था। लगातार पांच दिनों से जारी गिरावट के बीच सेंसेक्स में कुल 2,379.03 अंक यानी 3.58 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
निफ्टी भी 159.60 अकों की गिरावट के बीच 19,122.15 अंक पर बंद
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 159.60 अंक यानी 0.83 प्रतिशत टूटकर 19,122.15 अंक पर आ गया। यह घरेलू बाजारों में गिरावट का लगातार पांचवां सत्र रहा। इन पांच सत्रों में निफ्टी में करीब 690 अंकों की बड़ी गिरावट आई है।
इन्फोसिस में सर्वाधिक 2.76 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई
सेंसेक्स में शामिल कम्पनियों में से इन्फोसिस में सर्वाधिक 2.76 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा भारती एयरटेल, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, टाइटन और एक्सिस बैंक में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति और नेस्ले के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
पश्चिम एशिया में तनाव से बाजार में गिरावट का माहौल
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘पश्चिम एशिया में तनाव से बाजार में गिरावट का माहौल है और निवेशक धारणा सतर्क बनी हुई है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और दूसरी तिमाही के नतीजों को लेकर आशावादी नजरिया कायम रहने के बावजूद निवेशकों ने उच्च ब्याज दर परिदृश्य में वृद्धि दर धीमी होने की आशंका को देखते हुए सतर्क रुख अपनाया है।’
बड़ी कम्पनियों के शेयरों पर एक सकारात्मक रणनीति नजर आ रही
नायर के मुताबिक, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और छोटी एवं मझोली कम्पनियों के शेयरों में मूल्यांकन संबंधी चिंताओं के बीच बड़ी कम्पनियों के शेयरों पर एक सकारात्मक रणनीति नजर आ रही है। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.77 प्रतिशत गिर गया जबकि मिडकैप में 0.52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
क्षेत्रवार सूचकांकों में प्रौद्योगिकी खंड में 1.39 प्रतिशत, दूरसंचार में 1.29 प्रतिशत, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) में 1.13 प्रतिशत और वित्तीय सेवा खंड में 0.83 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अकेले धातु खंड में ही बढ़त की स्थिति रही। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा।
यूरोप के अधिकातर बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में बढ़त रही थी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.30 प्रतिशत चढ़कर 88.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
इक्विट्री कैपिटल के सह-संस्थापक पवन भराडिया ने कहा, ‘बाजार पहले से ही मुनाफावसूली का मौका तलाश रहा था। अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और कम्पनियों के शुरुआती नतीजों ने इस बहुप्रतीक्षित गिरावट का मौका मुहैया करा दिया।’
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 252.25 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध खरीदारी की थी। दशहरा के अवसर पर मंगलवार को शेयर बाजार बंद रहे थे।