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इस्लामाबाद: पीटीआई का विरोध प्रदर्शन जारी, हिंसक झड़पों में छह सुरक्षाकर्मियों की मौत के बाद बुलाई गई सेना

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इस्लामाबाद, 26नवंबर। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और उसके आसपास, सुरक्षा स्थिति गंभीर होती जा रही है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ हिंसक झड़पों में कम से कम छह सुरक्षाकर्मियों की मौत के बाद देश के आंतरिक मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना को तैनात किया गया है।

पीटीआई प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प

यह कदम बढ़ते तनाव, सरकार और पीटीआई नेताओं के बीच दूसरे दौर की वार्ता की विफलता के बीच उठाया गया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने राजधानी के डी-चौक की ओर मार्च करना जारी रखा है। पीटीआई प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में अब तक दो पुलिस अधिकारी और चार पाकिस्तानी रेंजर्स के जवानों की मौत हो चुकी है। सुरक्षा स्थिति तब और बिगड़ गई जब इस्लामाबाद-श्रीनगर हाईवे पर पीटीआई प्रदर्शनकारियों का एक वाहन रेंजर्स से टकरा गया।

इस्लामाबाद की चुंगी नंबर 26 पर हिंसक झड़पों में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की और उसके बाद गोलीबारी में एक रेंजर घायल हो गया। नवीनतम निर्देशों के अनुसार, अधिकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को उपद्रवियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने और जरूरत पड़ने पर किसी भी दंगाई को गोली मारने जैसे चरम उपायों का इस्तेमाल करने को कहा है।

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को कर्फ्यू लगाने का दिया अधिकार

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में सेना को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जब भी उचित लगे, कर्फ्यू लगाने का अधिकार भी दिया गया है। इस बीच, इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने विरोध स्थल बदलने से इनकार कर दिया। पीटीआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से अदियाला जेल में कम से कम दो बार मुलाकात की। उन्होंने सरकार के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत के बारे में उनसे सलाह ली।

पीटीआई के धरना प्रदर्शन का स्थान डी-चौक ही रहेगा

सूत्रों के अनुसार, खान को बताया गया कि सरकार ने पीटीआई के विरोध प्रदर्शन के लिए अत्यधिक संवेदनशील डी-चौक के बजाय संजनी इंटरचेंज का नाम सुझाया है और पीटीआई से विरोध प्रदर्शन की परमिशन के लिए अनुरोध प्रस्तुत करने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि खान ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को इसकी सूचना दे दी, लेकिन बुशरा बीबी ने इससे सहमत होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले की घोषणा के अनुसार पीटीआई के धरना प्रदर्शन का स्थान डी-चौक ही रहेगा।

बुशरा बीबी ही पीटीआई के सभी महत्वपूर्ण फैसले ले रहीं

कई जानकारों का मानना ​​है कि खान की पत्नी बुशरा बीबी ही पीटीआई के सभी महत्वपूर्ण फैसले ले रही हैं। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने पीटीआई प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वे रेड लाइन को पार न करें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर सरकार ‘चरम’ कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएगी।

मोहसिन नकवी ने कहा, “मैं फिर से कह रहा हूं कि बेलारूस के राष्ट्रपति पाकिस्तान में हैं, इसलिए रेड लाइन को पार न करें। अन्यथा, हमें अनुच्छेद 245 को लागू करने, कर्फ्यू लगाने और चरम कदम उठाने होंगे… वे (पीटीआई प्रदर्शनकारी) डी-चौक पर नहीं आ सकते। अब ऐसा नहीं हो सकता।”

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि इमरान खान की जगह पीटीआई में कोई बड़ा अधिकारी है जो इस शो को चला रहा है। उन्होंने बुशरा बीबी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, संगजानी में विरोध प्रदर्शन करने का हमारा प्रस्ताव अदियाला जेल में उनकी (पीटीआई) बैठक के दौरान स्वीकार कर लिया गया था। लेकिन ऐसा लगता है कि अब पीटीआई में कोई बड़ा अधिकारी इस मामले को चला रहा है।”

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