दुबई, 21 सितंबर। मॉरल पुलिसिंग के नाम पर महिला की मौत से ईरान की अपने देश में जबर्दस्त आलोचना हो रही है। वहीं अब इस मुद्दे पर पूरी दुनिया में उसकी किरकिरी हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने इस मामले में जांच की बात कही है। इसके अलावा अमेरिका और इटली ने भी इस मामले को लेकर ईरान की आलोचना की है।
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने जारी किया बयान
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ईरान में हाल के महीनों में मॉरल पुलिसिंग की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इसके तहत हिजाब न पहनने के लिए महिलाओं को टारगेट किए जाने के मामले सामने आए हैं। बयान में कहा गया है कि कई वेरिफाईड वीडियोज में हिजाब न पहनने पर महिलाओं को चेहरे पर थप्पड़ मारा जा रहा है। इसके अलावा ढीला हिजाब पहनने पर उन्हें पुलिस की गाड़ी में ठूंस दिया जा रहा है। इटली की विदेश मंत्री ने इसे कायरानापूर्ण कार्य बताया है।
- एंटनी ब्लिंकेन ने जारी किया बयान
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को 22 साल की महसा अमीनी को गश्ती दल पुलिस थाने लेकर गई थी। यहां पर वह बेहोश हो गई और तीन दिन के बाद उसकी मौत हो गई। हालांकि ईरानी पुलिस का कहना है कि अमीनी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। वहीं अधिकारियों ने जांच की बात कही है। घटना को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमीनी को आज जिंदा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अमेरिका और ईरान के लोग आज उनकी मौत पर अफसोस जता रहे हैं। हम ईरान सरकार से कहेंगे कि वह महिलाओं के इस उत्पीड़न को बंद करे।