तेहरान, 4 नवंबर। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के मुख्य कमांडर होसैन सलामी ने मुस्लिम दुनिया में आतंकवाद और विभाजन के लिए अमेरिका केे नीतियों को जिम्मेदार ठहराया हैं। सलामी ने रविवार को तेहरान में पूर्व अमेरिकी दूतावास के अधिग्रहण की 45वीं वर्षगांठ और ‘वैश्विक अहंकार के खिलाफ लड़ाई के राष्ट्रीय दिवस’ (जिसे राष्ट्रीय छात्र दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है।) के अवसर पर आयोजित रैली में कहा कि ‘मुस्लिम दुनिया में तकफीरी (चरमपंथी) आतंकवाद और खूनी विभाजन की घटना’ सभी अमेरिकी नीतियों के परिणाम है।
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार श्री सलामी ने अमेरिका को ‘विरोधाभासी पहचान’ के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका वैश्विक शांति, सुरक्षा और व्यवस्था की बात करता है, जबकि यह दुनिया में सभी ‘अपराधों, नरसंहारों और कब्ज़ों’ का स्रोत है।
अमेरिका के खिलाफ रविवार को लोग सड़कों पर उतरे और पूर्व अमेरिकी दूतावास के परिसर तक मार्च निकाला तथा अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने ईरान, हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन के झंडे लहराए, साथ ही ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई और ईरान तथा क्षेत्रीय प्रतिरोध समूहों के मारे गए नेताओं तथा कमांडरों की तस्वीरें भी लहराईं।
रैली के अंत में प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हुए एक बयान जारी किया और गाजा तथा लेबनान में इजरायल के “अपराधों” की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाजा तथा लेबनान में युद्ध विराम की प्राप्ति की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति की जीत के कुछ महीनों बाद, ईरानी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अमेरिकी दूतावास की इमारत पर कब्जा कर लिया था। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास पर इस्लामी गणराज्य को समाप्त करने की योजना बनाने और अमेरिकी सरकार के लिए जासूसी अड्डे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। तभी से ईरान हर साल राष्ट्रव्यापी रैलियां आयोजित करके अधिग्रहण का जश्न मनाता है।