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फरार चल रहे एक लाख के ईनामी आईपीएस मणिलाल पाटीदार का लखनऊ में सरेंडर

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लखनऊ, 15 अक्टूबर। करीब डेढ़ वर्ष से फरार चल रहे एक लाख के ईनामी आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने आखिककार शनिवार को लखनऊ के अपर जिला सत्र न्यायाधीश/ भष्टाचार निवारण अधिनियम लोकेश वरुण की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि महोबा के एसपी रहे पाटीदार के अधिवक्ता ऐश्वर्य प्रताप सिंह और रणधीर सिंह ने अदालत में तर्क दिया कि पाटीदार को झूठे मामले में फंसाया गया है। फिलहाल अदालत ने पाटीदार को 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है।

महोबा के कारोबारी को सुसाइड के लिए उकसाने का है आरोप

2014 बैच के आईपीएस अधिकारी पाटीदार को भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में शासन ने नौ सितम्बर 2020 को सस्‍पेंड कर दिया था। पाटीदार के खिलाफ सितम्बर 2020 में महोबा में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस के वसूली के खेल में क्रशर कारोबारी की जान गई थी। इसी मामले में पुलिस को उसकी तलाश थी। पाटीदार पर एक लाख का ईनाम भी घोषित किया गया था।

क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आठ सितम्बर, 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई थी। इसके करीब पांच दिनों बाद कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। त्रिपाठी ने घटना के एक दिन पहले यानी सात सितम्बर 2020 को एक वीडियो जारी कर पाटीदार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्‍होंने खुद की हत्या की आशंका भी जताई थी।

इंद्रकांत ने आरोप लगाया था कि आईपीएस पाटीदार ने उनसे छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी। रिश्‍वत न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने की धमकी देने लगा। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके परिवार ने मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र, सिपाही अरुण और दो अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

आईपीएस पर हैं भ्रष्टाचार के संगीन आरोप

निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर आरोप है कि उन्‍होंने महोबा में एसपी रहते जमकर धनउगाही की। पाटीदार अपने कॅरिअर की शुरुआत से ही बदनाम होने लगे थे। उन पर भ्रष्‍टाचार और वसूली के कई आरोप लगे, लेकिन महोबा के क्रशर कारोबारी त्रिपाठी की मौत के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गए। आरोप है कि रिश्‍वत न देने पर मणिलाल ने इंद्रकांत को जमकर प्रताड़ित किया। मणिलाल के इशारे पर पुलिस ने इंद्रकांत का कारोबार बंद कराने की कोशिश की। उनके ठिकानों पर बेवजह छापामारी की गई। आरोप है कि इन सबसे इंद्रकांत इतना परेशान हो गए कि उन्‍होंने खुद को गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली।

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