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ICC टी20 विश्व कप : अजेय टीम इंडिया ने रचा इतिहास, रोमांचक फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हरा दूसरी बार चैम्पियन

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ब्रिजटाउन (बारबेडोस), 29 जून। केंजिंगटन ओवल में उपस्थित हजारों दर्शकों सहित दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमी शनिवार को वाकई ICC टी20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के सर्वाधिक रोमांचक फाइनल में एक के साक्षी बने, जहां प्रतियोगिता की दो अजेय टीमें एक दूसरे के मुकाबिल थीं। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर दुर्भाग्यशाली साबित हुआ और नाटकीय उतार-चढ़ाव के बीच अंतिम गेंद पर निर्णीत कश्मकश सात रनों से अपने नाम कर टीम इंडिया दूसरी बार चैम्पियन बन बैठी।

इसके साथ ही रोहित शर्मा एंड कम्पनी ने टी20 विश्व कप इतिहास में नए अध्याय का सृजन भी कर दिया क्योंकि पहली बार किसी टीम ने एक भी मैच गंवाए बिना सर्वजेता का गौरव अर्जित किया है। दिलचस्प यह रहा कि टी20 विश्व कप में भारतीय टीम का डेढ़ दशक से ज्यादा समय से चला आ रहा खिताबी सूखा खत्म हुआ तो मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने भी चौड़े सीने के साथ अपने कार्यकाल का समापन किया।

कोहली का दमदार पचासा, अक्षर व शिवम संग अर्धशतकीय भागीदारियां

इसमें कोई शक नहीं कि ‘प्लेयर ऑफ द फाइनल’ विराट कोहली ने टूर्नामेंट के नौवें संस्करण का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन शायद फाइनल के लिए ही बचा रखा था। मौजूदा संस्करण में उनके पहले अर्धशतक (76 रन, 59 गेंद, दो छक्के, छह चौके) और हरफनमौला अक्षर पटेल (47 रन, 31 गेंद, चार छक्के, एक चौका) व शिवम दुबे (27 रन, 16 गेंद, एक छक्का, तीन चौके) संग उनकी दो अर्धशतकीय भागीदारियों के सहारे ही टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 20 ओवरों में सात विकेट पर 176 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में सफल हुई थी।

क्लासेन, डिकॉक, स्टब्स व मिलर के अक्रामक प्रयास अर्थहीन

जवाबी काररवाई में दक्षिण अफ्रीका ने भी हेनरिक क्लासेन (52 रन, 27 गेंद, पांच छक्के, दो चौके), क्विंटन डिकॉक (39 रन, 31 गेंद, एक छक्का, चार चौके), ट्रिस्टन स्टब्स (31 रन, 21 गेंद, एक छक्का, तीन चौके) व डेविड मिलर (21 रन, 17 गेंद, एक छक्का, एक चौका) के आक्रामक प्रहारों के सहारे मजबूत चुनौती पेश की और एकबारगी लगा कि प्रतियोगिता के 17 वर्षों के इतिहास में पहली बार फाइनल खेलने उतरे प्रोटेस इतिहास रचने में कामयाब हो जाएंगे।

अंतिम 30 गेंदों पर 30 रन नहीं बना सके दक्षिण अफ्रीकी

इसकी वजह भी थी कि क्लासेन व मिलर विस्फोटक स्वरूप ले चुके थे। इनमें क्लासेन ने 15वें ओवर में अक्षर पटेल (1-49) के खिलाफ दो छक्कों व दो चौकों सहित 24 रन ठोक दिए। 15वें ओवर की समाप्ति पर स्कोर 4-147 रन जा पहुंचा था और टीम को अंतिम 30 गेंदों पर जीत के लिए सिर्फ 30 रनों की दरकार रह गई थी। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के जबड़े से जीत छीन ली।

अंतिम क्षणों में पंड्या, बुमराह व अर्शदीप की करिश्माई गेंदबाजी

अंतिम पांच ओवरों में हार्दिक पंड्या (3-20), टूर्नामेंट में 15 विकेट के साथ ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का पुरस्कार ले उड़े जसप्रीत बुमराह (2-18) व अर्शदीप सिंह (2-20) की करिश्माई गेंदबाजी और अंतिम ओवर में हार्दिक की पहली गेंद पर सूर्यकुमार यादव द्वारा सीमा रेखा पर लिए गए डेविड मिलर के अविश्वसनीय कैच से बाजी पलट गई। दूसरे शब्दों में कहें तो दक्षिण अफ्रीकी टीम एक बार फिर चोकर्स साबित हुई और 20 ओवरों में आठ विकेट पर 169 रनों तक जाकर ठहर गई।

रोहित एंड कम्पनी ने खत्म किया 17 वर्षों का इंतजार

इसके साथ ही भारतीय खिलाड़ी मैदान पर जश्न मनाने में मशगूल हो गए थे क्योंकि रोहित एंड कम्पनी ने भारत का 17 वर्षों से चला आ रहा खिताबी सूखा जो खत्म किया था। उल्लेखनीय है कि भारत ने 2007 में दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर ही आयोजित पहले संस्करण में पाकिस्तान को हराकर चैम्पियन का श्रेय अर्जित किया था जबकि वर्ष 2014 में बांग्लादेश में उसे फाइनल में श्रीलंका से मात खानी पड़ी थी।

स्कोर कार्ड

वैसे, सच पूछें तो पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया यदि पौने दो सौ के पार पहुंची तो कोहली के साथ अक्षर पटेल और शिवम दुबे का भी सराहनीय योगदान रहा, जिन्होंने जरूरत के वक्त बल्ले की रफ्तार बढ़ाते हुए अपने सीनियर साथी पर तनिक भी दबाव नहीं बढ़ने दिया।

अक्षर ने विराट संग 54 गेंदों पर जोड़े 72 रन

यही वजह थी कि केशव महाराज (2-23) व कैगिसो रबाडा (1-36) के सामने पांचवें ओवर में 34 रनों के भीतर रोहित (नौ रन, पांच गेंद, दो चौके), ऋषभ पंत (0) व सूर्यकुमार यादव (तीन रन) सरीखे दिग्गजों के लौटने के बाद विराट व अक्षर ने 54 गेंदो पर 72 रनों की साझेदारी की तो 14वें ओवर में अक्षर के रन आउट होने के बाद कोहली व शिवम के बीच 33 गेंदों पर 57 रनों की एक और आकर्षक अर्धशतकीय भागीदारी आ गई। मार्को यान्सेन (1-49) ने 19वें ओवर में विराट की पारी पर विराम लगाया तो अंतिम ओवर में एनरिक नोर्किया (2-26) ने शिवम व रवींद्र जडेजा (दो रन) का शिकार किया। हार्दिक पंड्या (पांच रन, दो गेंद, एक चौका) नाबाद लौटे।

खराब शुरुआत के बाद डिकॉक व स्टब्स ने प्रोटेस को संभाला

दक्षिण अफ्रीकी पारी की बात करें तो बुमराह और अर्शदीप ने शुरुआती तीन ओवरों में 12 रनों के भीतर रीजा हेंड्रिक्स (4) व कप्तान एडेन मार्करम (4) को लौटाकर शुरुआत बिगाड़ दी थी, लेकिन क्विंटन डिकॉक व ट्रिस्टन स्टब्स ने 38 गेंदों पर 58 रनों की तेज साझेदारी से टीम को गति प्रदान की। पटेल ने नौवें ओवर में यह भागीदारी तोड़ी तो 13वें ओवर में डिकॉक 106 के स्कोर पर अर्शदीप के दूसरे शिकार बने।

क्लासेन व मिलर ने 22 गेंदों पर ठोक दिए 45 रन

तभी क्लासेन व मिलर अचानक आक्रामक हो उठे। इस दौरान उन्होंने 14वें ओवर में कुलदीप पर 14 रन लिए और क्लासेन ने अगले ओवर में अक्षर पर 24 रन ठोकने के साथ भारतीय खेमे की चिंता बढ़ा दी क्योंकि अब 30 गेंदों पर सिर्फ 30 रनों की दरकार थी। लेकिन यहीं मैच का निर्णायक मोड़ आया, जब बुमराह ने 16वें ओवर में सिर्फ चार रन खर्च किए और अगले ओवर की पहली ही गेंद पर पंड्या ने क्लासेन को निबटाने के साथ 22 गेंदों पर 45 रनों की खतरनाक भागीदारी तोड़ दी। इस ओवर में भी सिर्फ चार रन आए।

अंतिम ओवर में सूर्या ने मिलर का असाधारण कैच पकड़ा

उधर बुमराह ने 18वें ओवर में सिर्फ दो रन दिए और येन्सन (2) को लौटा दिया। अगले ओवर में अर्शदीप ने चार रन दिए तो अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 16 रनों की दरकार थी। लेकिन पंड्या की पहली गेंद पर सूर्या ने लांग ऑफ बाउंड्री पर मिलर का असाधारण कैच लपकने के साथ ही काम खत्म कर दिया।

कैच लेने के बाद सूर्या गेंद हवा में उछालने के साथ बाउंड्री के पार गए और वापस मैदान में आकर हवा में ही मौजूद गेंद फिर लपक ली। अंतिम गेंद पर पंड्या ने रबाडा (4) को भी चलता कर भारतीय खेमे को खुशियों से सराबोर कर दिया।