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सोवरिन स्वर्ण बॉण्‍ड : 25 से 29 अक्टूबर के बीच आप भी कर सकते हैं निवेश

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परामर्श से अक्‍तूबर, 2021 से मार्च, 2022 तक सोवरिन स्वर्ण बॉण्‍ड के चार भाग जारी करने का फैसला किया है। इसमें 25 अक्‍तूबर से 29 अक्‍तूबर के बीच निवेश किया जा सकता है।

बैंकों, डाकघरों और शेयर बाजारों के माध्‍यम से बेचे जाएंगे ये स्वर्ण बॉण्ड

आरबीआई के बयान के अनुसार ये बॉण्‍ड निर्धारित वाणिज्यिक बैंकों, डाकघरों और शेयर बाजारों के माध्‍यम से बेचे जाएंगे। ये बॉण्‍ड निवासियों, न्‍यासों, विश्‍वविद्यालयों और परोपकारी संस्‍थाओं को ही ब्रिकी के लिए उपलब्‍ध होगा।

सोवरिन स्वर्ण बॉण्ड का भाव 4,765 रुपये प्रति ग्राम तय

बॉण्‍ड की कीमत 999 शुद्धता के स्‍वर्ण की कीमत के औसत के आधार पर होगी। आरबीआई ने सोवरिन स्वर्ण बॉण्ड के लिए 4,765 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया है। ऑनलाइन अंशदान और डिजिटल माध्‍यम से भुगतान करने वालों को प्रति ग्राम पचास रुपये की छूट भी दी जाएगी। यानी डिजिटल पेमेंट करने पर एक ग्राम सोने के लिए 4,715 रुपये चुकाने होंगे। वहीं रविवार को 24 कैरेट एक ग्राम गोल्ड का बाजार में भाव 4780 रुपये था।

दरअसल, सोवरिन स्वर्ण बॉण्ड की 2021-22 सीरीज के तहत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच चार चरणों में बॉण्ड जारी किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 10 चरणों में सोवरिन गोल्ड बॉण्ड लॉन्च किए जाने हैं इनमें से मई, 2021 से लेकर सितम्बर, 2021 तक छह चरणों में गोल्ड बॉण्ड लॉन्च हो चुके हैं। यह सातवीं सीरीज है।

कम से कम एक ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है

सोवरिन गोल्ड बॉण्ड में निवेश का विकल्प वर्ष 2015 से लाया गया है। यह आरबीआई जारी करता है। इसके तहत कम से कम एक ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है और आम आदमी के लिए अधिकतम निवेश की सीमा चार किलोग्राम है जबकि हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए चार किलोग्राम और ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है। यानी आप कम से कम 4,715 रुपये का सोना खरीद सकते हैं। निवेशकों को ऑनलाइन या कैश से इसे खरीदना होता है और उसके बराबर मूल्य का सोवरिन गोल्ड बॉण्ड उन्हें जारी कर दिया जाता है।

परिपक्वता अवधि 8 वर्ष, लेकिन 5 वर्ष बाद बाहर निकलने का विकल्प भी शामिल

यदि फायदे की बात करें तो इस बॉण्ड में सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है। इसकी परिपक्वता अवधि आठ वर्षों की होती है। लेकिन पांच वर्ष बाद इसमें बाहर निकलने का विकल्प भी है। फिजिकली सोने की खरीदारी कम करने के लिए यह स्कीम लॉन्च की गई है। पिछले कुछ वर्षों में लोगों का रुझान सोवरिन स्वर्ण बॉण्ड में तेजी से बढ़ा है।