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पाकिस्तान ने भी बना ली कोरोनरोधी वैक्सीन, चीन की मदद से तैयार ‘पाकवैक’ लॉन्च

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इस्लामाबाद, 2 जून। आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे पाकिस्तान ने भी कोरोना महामारी से लड़ाई के बीच वैक्सीन बना ली है। चीन की मदद से तैयार पाकवैक (PakVac) नामक वैक्सीन की मंगलवार को एक समारोह में लॉन्चिंग की गई।

पाकिस्तान के केंद्रीय योजना मंत्री असद उमर ने इसे एक अहम दिन करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान की यह वैक्सीन किसी इंकलाब (क्रांति) से कम नहीं है। उन्होंने इसके लिए पाकिस्तान की स्वास्थ्य टीमों के साथ चीन के सहयोगियों का भी आभार जताया, जिन्होंने वैक्सीन के उत्पादन की व्यवस्था करने में मदद की।

चीनी वैक्सीन ‘साइनोफॉर्म’ अब भी लोगों की पहली पसंद

असद उमर ने हालांकि यह भी कहा कि पाकिस्तान में अब भी टीका लगवाने आ रहे लोगों की पहली पसंद चीन में बनी वैक्सीन साइनोफॉर्म ही है न कि पश्चिम में बनी वैक्सीन। उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां लोग जब टीकाकरण केंद्रों पर जाते हैं और उन्हें बताया जाता है कि ये एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन है, तो वो साइनोफॉर्म मांगते हैं और जब उनसे कहा जाता है कि यह नहीं है, तो वह वापस चले जाते हैं। लेकिन हमें पाकवैक को भी बढ़ावा देना पड़ेगा क्योंकि इसे हमने मिलकर तैयार किया है। यह एक इंकलाब है।’

इस दौरान उपस्थित स्वास्थ्य मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉक्टर फैजल सुल्तान ने कहा कि पाकिस्तान कठिन चुनौतियों को अपने साथियों की मदद से अवसर में बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 का सामना करने में हमारा दोस्त चीन हमारे सबसे करीब रहा।’ उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा।

पाकिस्तान में पॉजिटिविटी रेट 4% से भी कम

दिलचस्प यह है कि पाकिस्तान में देसी टीके की खबर ऐसे समय आई है, जब पिछले तीन माह के दौरान देश में पहली बार पॉजिटिविटी रेट चार फीसदी से नीचे चला गया है। देश में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन संक्रमण के दो हजार से कम मामले सामने आए। सरकार की ओर से जारी बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 24 घंटे के दौरान 1,843 नए मामले दर्ज किए गए। एक दिन में 80 लोगों की संक्रमण से मौत हुई।

अब तक पाकिस्तान में 10 लाख से कम लोग संक्रमित

पाकिस्तान में महामारी से अब तक 10 लाख से कम कुल 9,22,824 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जबकि 21 हजार करीब कुल 20,930 लोगों की मौत हुई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि पाकिस्तान कोरोना महामारी की पहली और फिर दूसरी लहर के असर से अधिक प्रभावित नहीं हुआ।