काबुल, 16 अगस्त। आतंकी ताकत और हिंसा के सहारे इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने की जहां दुनियाभर में निंदा हो रही है वहीं अफगानिस्तान के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने फिर उसे धोखा दिया और इस कठिन समय में तालिबान का गुणगान करने में जुट गया है। और तो और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इतने खुश हैं कि तालिबान की प्रशंसा में कसीदे काढ़ने लगे हैं।
कभी पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कद्दावर कप्तान रहने से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने वाले इमरान खान सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, ‘दिमागी गुलामी की जंजीरों को तोड़ना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है। अफगानिस्तान में अब उन्होंने (तालिबान) ने गुलामी की जंजीरें तोड़ दी हैं।’
गौरतलब है कि पाकिस्तान पर पहले भी तालिबान का समर्थन करने के आरोप लगते रहे हैं। अफगानिस्तान में काम करने वाले कई पत्रकारों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि तालिबान का समर्थन करने के चलते अफगानिस्तान में पाकिस्तान के लिए नफरत को साफ तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि चीन भी तालिबान से दोस्ती का हाथ बढ़ा चुका है और माना जा रहा है कि ये दोनों ही देश उसे मान्यता देने से पीछे नहीं हटेंगे।
काबुल स्थित दूतावास भी बंद नहीं करेगा पाकिस्तान
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता देने की पाकिस्तानी मंशा का अंदाजा उसके इस निर्णय से भी लगाया जा सकता है कि काबुल में वह अपना दूतावास बंद नहीं करेगा। तालिबान ने दूतावासों और राजनयिकों की सुरक्षा की गारंटी दी है, जिस पर पाकिस्तान को भरोसा है।
1996 में भी अफगानिस्तान को दिया था धोखा
वैसे, यह पहला मौका नहीं है, जब मुश्किल वक्त में पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी मुल्क को धोखा दिया है। इससे पहले 1996 मे भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से तालिबान सत्ता में आया था।
ह्वाइट हाउस पर प्रदर्शन, पाक पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग
इस बीच काबुल पर कब्जा करने के बाद रविवार को अमेरिका सहित कई देशों में मौजूद अफगानों ने प्रदर्शन किया। इसमें प्रमुख रूप से अमेरिका में ह्वाइट हाउस के सामने किया गया विरोध प्रदर्शन भी शामिल है। यहां प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ नारे लगाए और उन्हें ‘धोखेबाज’ करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने अफगानिस्तान के आंतरिक मामले में दखल देने के लिए पाकिस्तान की भी निंदा की और इमरान के देश पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई।