जेनेवा, 9 मई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामिनाथन का दावा है कि कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट कहीं ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसमें म्यूटेशन से ट्रांसमिशन तेज हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने आशंका जाहिर की कि यह वेरिएंट कोरोनारोधी वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी को बेअसर भी कर सकता है।
डॉ. सौम्या ने शनिवार को कहा कि भारत में फैल रहा कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है और हो सकता है कि वैक्सीन से बच निकल रहा हो। उनका कहना है कि इस वजह से देश में महामारी तेजी से फैल रही है।
भारत में फैल रहा वेरिएंट बी.1.617 पिछले अक्टूबर में पहली बार डिटेक्ट किया गया था। डॉ. सौम्या के मुताबिक महामारी के फैलने का कारण यही वेरिएंट है। उन्होंने कहा, ‘इसे तेज करने में बहुत से फैक्टर रहे, जिसमें तेजी से फैलने वाला वायरस एक था।’
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में ही बी.1.617 को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है। हालांकि, इसे चिंताजनक वेरिएंट नहीं बताया गया। लेकिन स्वामिनाथन का कहना है कि यह चिंताजनक वेरिएंट है क्योंकि इसमें म्यूटेशन से ट्रांसमिशन तेज हुआ है और यह शायद वैक्सीन से पैदा हुई एंटीबॉडी को बेअसर भी कर सकता है।
स्वामिनाथन के अनुसार 1.3 अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में सिर्फ दो प्रतिशत लोग पूरी तरह वैक्सिनेटेड हैं। ऐसे में सिर्फ वैक्सीन की मदद से देश को सुरक्षित नहीं किया जा सकता। आने वाले समय में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करना होगा और ट्रांसमिशन रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान देना होगा। स्वामिनाथन के मुताबिक जितना ज्यादा वायरल रेप्लिकेट होगा और ट्रांसमिशन होगा, म्यूटेशन भी होंगे। वेरिएंट कई सारे म्यूटेशन से गुजरकर वैक्सीन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर सकता है।