Site icon hindi.revoi.in

वैज्ञानिक बना रहे कोरोना की यूनिवर्सल वैक्सीन, किसी भी वैरिएंट के खिलाफ रहेगी प्रभावी

Social Share

वाशिंगटन, 23 जून। कोविड-19 के लगातार बदलते स्वरूप को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने एक ऐसी यूनिवर्सल वैक्सीन विकसित की है, जो सिर्फ न सिर्फ कोरेना से बचाएगी वरन भविष्य में आने वाले सभी खतरनाक वैरिएंट से लड़ने के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली भी विकसित करेगी। फिलहाल वैज्ञानिकों द्वारा अभी इस वैक्सीन का चूहों पर ट्रायल किया गया है।

नार्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शुरू किया शोध

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी (यूएनसी) के वैज्ञानिकों ने इस पर शोध शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी को नहीं पता कि कौन-सा वायरस अगली महामारी को पैदा करदे, ऐसे में अभी से ही हर तरह की तैयारी करनी होगी।

साइंस जनरल में प्रकाशित अध्ययन में इसे सेकेंड जनरेशन वैक्सीन बताया गया है, जो sarbecoviruses पर हमला करती है। Sarbecoviruses कोरोना वायरस परिवार का ही हिस्सा है। इसी परिवार के दो वैरिएंट – SARS और कोविड-19 ने पिछले दो दशकों में तबाही मचाई है।

इस मिशन पर काम कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने एमआरएनए तरीका अपनाया है। यही तरीका फाइजर और मॉडर्ना ने मौजूदा वैक्सीन को विकसित करने के लिए अपनाया गया था। हालांकि, यूनिवर्सल वैक्सीन इसी तरीके से सभी तरह के कोरोना वायरस को मात दे सकेगी।

रिपोर्ट के अनुसार चूहों पर जब इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया, तब वैक्सीन ने कई ऐसी एंटीबॉडी विकसित की, जो कई स्पाइक प्रोटीन का सामना कर सकती हैं। इसमें दक्षिण अफ्रीका में पाए गए बी.1.351 जैसे वैरिएंट भी शामिल रहे।

अगले वर्ष मनुष्यों पर हो सकता है इस वैक्सीन का ट्रायल
अध्ययन में बताया गया है कि इस वैक्सीन में किसी तरह के आउटब्रेक को रोकने की ताकत होगी। जिन चूहों का ट्रायल के दौरान इस्तेमाल किया गया, वो SARS-CoV और कोरोना के अन्य वैरिएंट से पीड़ित थे। अभी इसमें परीक्षण का दौर जारी है और सबकुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष मनुष्यों पर ट्रायल शुरू हो सकता है।
यूएनसी गिलिंग्स स्कूल के एक शोधकर्ता डेविड मार्टिनेज ने कहा, ‘हमारे निष्कर्ष भविष्य के लिए उज्ज्वल दिखते हैं क्योंकि निष्कर्ष से संकेत मिलता है कि हम वायरस के खिलाफ सक्रिय रूप से रक्षा करने के लिए अधिक यूनिवर्स पैन कोरोना वायरस टीके डिजाइन कर सकते हैं। इस रणनीति के साथ शायद हम SARS-CoV-3 को रोक सकते हैं।’

Exit mobile version