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अफगानिस्तान पर अब तालिबानी राज, गनी देंगे इस्तीफा, अली अहमद जलाली बनेंगे अंतरिम राष्ट्रपति

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काबुल, 15 अगस्त। इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने हफ्तों तक चले संघर्ष के बाद अंततः अफगानिस्तान की सत्ता हथिया ली है। राजधानी काबुल तक पहुंचने के बाद अब तालिबान के हाथ में सत्ता आने की आधिकारिक घोषणा ही बाकी रह गई है। वर्तमान राष्ट्रपति अशरफ गनी शांतिपूर्ण तरीके से तालिबान के हाथ में सत्ता सौंपने के लिए तैयार हैं। समझा जाता है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के बढ़ते वर्चस्व के कारण गनी ने यह कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि अली अहमद जलाली को अफगानिस्तान का अंतरिम राष्ट्रपति बनाया जा सकता है।

अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री रह चुके हैं जलाली
अली अहमद जलाली जनवरी, 2003 से सितम्बर, 2005 तक अफगानिस्तान के आतंरिक मंत्री रह चुके हैं। वह अमेरिका में अकादमिक जगत से जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जलाली को काबुल में एक अंतरिम प्रशासन का प्रमुख बनाया जा सकता है।

इससे पहले, कार्यवाहक आंतरिक मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि एक शांतिपूर्ण संक्रमण होगा, लेकिन अब तक किसी भी विवरण की पुष्टि नहीं की गई है। उनके बयान के बाद से सरकार गिरने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।

सूत्रों ने कहा कि यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि तालिबान ने जलाली की नियुक्ति के लिए अपना अंतिम समझौता किया था या नहीं, लेकिन उन्हें सत्ता के संक्रमण की निगरानी के लिए संभावित रूप से स्वीकार्य समझौता व्यक्ति के रूप में देखा गया था।

अफगान राष्ट्रपति के आवास पहुंचे तालिबान नेता

अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने रविवार दोपहर को बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता ‘हस्तांतरण’ की तैयारी के लिए राष्ट्रपति के आवास जा रहे हैं। अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर को बताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपना है।

हम ऐसी समावेशी सरकार चाहते हैं, जहां सभी अफगानों की भागीदारी हो : तालिबान

तालिबान ने भी कहा है कि उसकी ताकत के बल पर सत्ता लेने की योजना नहीं है। तालिबान की ओर से कहा गया है, ‘हम ऐसी समावेशी अफगान सरकार चाहते हैं, जहां सभी अफगानों की भागीदारी हो। हम महिलाओं के अधिकारों का भी सम्मान करेंगे।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी को चारों तरफ से घेर लिया है और धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि लड़ाकों को अभी शहर की सीमाओं पर खड़े रहने के निर्देश दिए गए हैं और अंदर दाखिल होने से मना किया गया है। ज्ञातव्य है कि अमेरिका और नाटों बलों की देश से वापसी के साथ ही तालिबान की रफ्तार तेज हो गई थी और अब राजधानी उनके चंगुल में फंस चुकी है।

सस्ता हस्तांतरण तक तालिबानी लड़ाके राजधानी के बाहर ही रहेंगे

तालिबानी प्रवक्ता के मुताबिक फिलहाल इस्लामिक अमीरात के लड़ाके राजधानी से बाहर ही रहेंगे और जब तक सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, वे अंदर दाखिल नहीं होंगे। इस दौरान काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सरकार के हाथ है। दूसरी ओर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय के हवाले से दावा किया गया है कि काबुल पर राष्ट्रीय सुरक्षाबल का नियंत्रण है और लोगों को चिंता की जरूरत नहीं है।

तालिबान का दावा – सभी नागरिकों का ध्यान रखा जाएगा
मीडिया की खबरों के अनुसार तालिबान का दावा है कि सभी नागरिकों का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। उन्होंने यहां तक कहा है कि सेना को भी जवाब नहीं दिया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता ने अपने बयान में सबको माफ करने की बात कही है, लेकिन लोगों को सलाह दी है कि अपने घरों में ही रहें। वहीं, नागरिकों के हवाले से दावा किया गया है कि कुछ जगहों पर लड़ाके आगे बढ़ने लगे हैं।

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