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NSE और BSE के अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों का GIFT IFSC में जल्द हो सकता है विलय

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नई दिल्ली, 7 सितम्बर। वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक संयुक्त मंच बनाने के दृष्टिकोण से गिफ्ट इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (GIFT IFSC) में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों को जल्द ही विलय करने की तैयारी है।

यह विलय अगले कुछ महीनों में फलीभूत हो सकता है। इसके लिए इसी माह याचिका दायर करने की उम्मीद जताई जा रही है। एक शीर्ष नियामक अधिकारी के अनुसार, नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) जल्द ही दोनों सदनों से पहले एक आवेदन दाखिल करने की उम्मीद है।

मीडिया खबरों के अनुसार दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज दिग्गजों – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से जुड़े विलय प्रस्ताव को उनके संबंधित बोर्डों से मंजूरी मिल गई है। यह काफी अहम है क्योंकि एनएसई और बीएसई लंबे समय से ऑनशोर ट्रेडिंग के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के रूप में जाने जाते हैं।

गौरतलब है कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) के भीतर अपने नए प्लेटफॉर्मों को एकीकृत करने का अप्रत्याशित कदम सरकार के जानकार सूत्रों के दबाव के बाद आया है। एक अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि इन दो ऑफशोर प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम पहले से ही कम है। बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी एक्सचेंज चलाने से तरलता और अधिक खंडित हो सकती है। विचार यह है कि एक संयुक्त मोर्चा पेश किया जाए, एक-दूसरे के साथ तालमेल बैठाया जाए और संयुक्त रूप से आईएफसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया जाए।

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बीएसई ने भारत आईएनएक्स और उससे जुड़े क्लियरिंग कॉरपोरेशन में लगभग 225 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सूत्रों का कहना है कि विलय इकाई में एनएसई की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी।

भारत आईएनएक्स और NSE IFSC दोनों ने 2017 में अपना परिचालन शुरू किया, जिससे वैश्विक प्रतिभूति व्यापार, इक्विटी, कमोडिटी ट्रेडिंग और ग्रीन बॉन्ड सहित स्थिरता पर ध्यान देने के साथ प्रतिभूतियों की लिस्टिंग की सुविधा मिली।

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