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भारत-चीन के बीच LAC व कैलाश-मानसरोवर यात्रा सहित अन्य मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श

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बीजिंग, 25 मार्च। भारत और चीन के राजनयिकों ने मंगलवार को यहां में सीमा पार नदियों के डेटा के आदान-प्रदान एवं कैलाश-मानसरोवर यात्रा की शीघ्र बहाली सहित सीमा प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों पर गहन विचार-विमर्श किया।

दरअसल, भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 33वीं बैठक आज यहां आयोजित की गई थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने किया जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि WMCC की बैठक ‘सकारात्मक व रचनात्मक माहौल’ में हुई और दोनों पक्षों ने LAC पर स्थिति की व्यापक समीक्षा की। बयान में कहा गया, ‘दोनों पक्षों ने विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की अगली बैठक के लिए ठोस तैयारी करने हेतु मिलकर काम करने पर सहमति जतायी, जो इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित की जाएगी।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि समग्र द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण है। बयान में कहा गया,‘दोनों पक्षों ने दिसम्बर, 2024 में बीजिंग में भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों को प्रभावी बनाने और प्रभावी सीमा प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों और प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया।’

भारतीय वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्ष इस दिशा में प्रासंगिक कूटनीतिक और सैन्य तंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने पर सहमत हुए। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘उन्होंने सीमा-पार सहयोग और आदान-प्रदान को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने पर भी विचार-विमर्श किया, जिसमें सीमा पार की नदियां और कैलाश-मानसरोवर यात्रा शामिल है।’

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