कोटा, 28 अगस्त। राजस्थान में कोटा जिले के प्राधिकारियों ने कई छात्रों की आत्महत्या के मद्देनजर कोचिंग संस्थानों से अगले दो महीने तक नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के नियमित टेस्ट नहीं कराने को कहा है।
इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के वास्ते होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर से हर साल दो लाख छात्र-छात्राएं कोटा आते हैं।
प्राधिकारियों के अनुसार, 2023 में अभी तक जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार कर रहे 22 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है, जो किसी भी वर्ष में आत्महत्या के सबसे अधिक मामले हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।
रविवार को चार घंटे के भीतर दो छात्रों ने अपनी जान ले ली। पुलिस के मुताबिक, अविष्कार संभाजी कासले (17) ने रविवार अपराह्न करीब 3.15 बजे जवाहर नगर में अपने कोचिंग संस्थान की इमारत की छठी मंजिल से छलांग लगा दी। कासले ने कुछ मिनट पहले ही कोचिंग संस्थान की तीसरी मंजिल पर एक परीक्षा दी थी।
पुलिस के अनुसार, कासले की मौत के चार घंटे बाद नीट की ही तैयारी कर रहे आदर्श राज (18) ने शाम करीब सात बजे कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र स्थित अपने किराये के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों छात्रों के आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने के पीछे की वजह कोचिंग संस्थानों द्वारा लिए जाने वाले नियमित टेस्ट के दौरान कम अंक पाने के कारण अभ्यर्थियों का दबाव में होना बताया जा रहा है।
कोटा के जिलाधीश ओ पी बंकर ने रविवार रात जारी एक आदेश में कोचिंग संस्थानों से अगले दो महीने के लिए नियमित टेस्ट पर रोक लगाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि छात्रों को ‘‘मानसिक सहयोग’’ देने के लिए यह निर्देश जारी किया गया है।