नई दिल्ली, 28 सितम्बर। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी आठ संगठनों पर यूएपीए के तहत पांच वर्षों का प्रतिबंध लगाने के बाद अब केंद्र ने इन संगठनों से जुड़े वेबसाइट और सोशल मीडिया खातों को भी ब्लॉक करने के निर्देश दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार ने ऐसे निर्देश इसलिए दिए हैं ताकि प्रतिबंधिक संगठन इन माध्यमों से अपना प्रोपोगैंडा और गतिविधियों को नहीं फैला सकें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएफआई, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल) से जुड़े सभी ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम अकाउंट, यूट्यूब चैनल को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए हैं। उनके द्वारा पोस्ट की गई सामग्रियों को भी हटाया जा रहा है।
पीएफआई, आरआईएफ और एआईआईसी की वेबसाइट्स ब्लॉक
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएफआई, आरआईएफ और एआईआईसी की वेबसाइटों को ब्लॉक भी किया जा चुका है। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दूरसंचार विभाग के आदेश पर अन्य प्लेटफॉर्म और अकाउंट्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारी ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया कम्पनियों को पीएफआई से संबंधित अकाउंट या किसी भी सामग्री को हटाने के लिए निर्देश भेजे जा रहे हैं।
पीएफआई और अन्य संगठनों से जुड़े ह्वाट्सएप खातों की भी निगरानी की जाएगी
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पीएफआई, सीएफआई, आरआईएफ और अन्य संगठनों से जुड़े ह्वाट्सएप खातों की भी निगरानी की जाएगी और किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि पर काररवाई होगी। अधिकारी ने कहा कि अगर पीएफआई या उसका कोई सहयोगी अपनी गतिविधियों के लिए कोई प्रॉक्सी सोशल मीडिया अकाउंट या वेबसाइट खोलता है, तो उसे भी ब्लॉक किया जा सकता है।
लंबे समय से एजेंसियों की रडार पर था पीएफआई
गौरतलब है कि पीएफआई पर लंबे समय से हिंसक कृत्यों में शामिल होने, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को उकसाने और आईएसआईएस सहित वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध होने का आरोप लगता रहा है। 16 वर्ष पुराने इस समूह के खिलाफ गत 22 सितम्बर और फिर 27 सितम्बर को छापेमारी की गई थी। इस दौरान सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी जुड़े हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं। अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं।
अधिसूचना में दावा किया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के वास्ते गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं।