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राम मंदिर की धर्म ध्वजा पर तिलमिलाया पाकिस्तान बोला – भारत में मुसलमानों की विरासत को खतरा

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नई दिल्ली, 26 नवम्बर। अयोध्या स्थित भव्य श्री राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराए जाने के पाकिस्तान तिलमिला उठा है और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय इसे भारत के अल्पसंख्यक और मुस्लिम सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरा बताया है।

विडम्बना देखिए कि जो पाकिस्तान खुद लगातार धार्मिक अल्पसंख्यकों के शोषण, बलात्कार और हत्याओं पर नजरे फेर लेता है, उसके विदेश मंत्रालय ने झूठ का पुलिंदा गढ़ते हुए कहा है, ‘यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव के एक बड़े पैटर्न और हिन्दुत्व की सोच के असर में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने की कोशिशों को दिखाता है।’

उल्लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद हुआ है। राम मंदिर की भव्यता का कार्य लगभग पूर्ण होने के बाद मंगलवार को पीएम मोदी ने मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज की स्थापना की।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर राम मंदिर के निर्माण और ध्वजारोहण को पाकिस्तान ने चिंता और गंभीरता के साथ लिया है। इस क्रम में पाकिस्तान ने भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद सदियों पुरानी एक ऐतिहासिक इबादतगाह थी।

अल्पसंख्यकों की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में UN से मांगी मदद 

इसके बाद पाकिस्तान ने 6 दिसम्बर,1992 की घटना की जिक्र किया वाहियात प्रोपगैंडा फैलाते हुए कहा कि भारत का सिस्टम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है। पाकिस्तान ने बेशर्मी की हदें पार करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि वे भारत में कथित रूप से बढ़ते इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और नफरत की बुनियाद पर हो रहे कथित हमलों की ओर ध्यान दें।

पाकिस्तान ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को भी घसीटते हुए कहा कि यूएन और दूसरी संस्थाएं भारत में इस्लामिक विरासत को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका निभाएं और सभी अल्पसंख्यकों के धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में सक्रिय सहयोग दें। इसके अलावा पाकिस्तान ने तरीके से कहा है कि भारत मस्जिदों की रक्षा करे।

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