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इंदौर में भी सूरत जैसा खेला : कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने वापस लिया नामांकन, भाजपा में शामिल हुए

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इंदौर, 29 अप्रैल। मध्य प्रदेश के इंदौर निर्वाचन क्षेत्र में भी सूरत जैसा बड़ा खेल होने जा रहा है। दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। ऐसे में इंदौर में भाजपा के सामने कांग्रेस की चुनौती खत्म हो चुकी है।

अक्षय कांति बम नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उप मुख्‍यमंत्री जगदीश देवड़ा और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में उनका स्‍वागत किया गया और उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। विजयवर्गीय ने एक्‍स पर पोस्‍ट किया कि अक्षय कांति बम का भाजपा में स्‍वागत है।

सूरत में भी कुछ ऐसी ही कहानी हुई थी

गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात के सूरत में भी यही घटनाक्रम हुआ था, जहां नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां पाई थीं। इसके साथ ही अन्य दलों की उम्मीदवार और निर्दलीय प्रत्याशी ने अपने पर्चे वापस ले लिए थे। कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अमान्य करार दिया गया। नतीजा यह हुआ कि भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद वे कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा की सदस्‍यता ली।

अक्षय कांति बोले – नामांकन के बाद कांग्रेस से कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था

नामांकन वापस लिए जाने को लेकर अक्षय कांति बम ने कहा कि नामांकन जमा करने के बाद से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं कर रहा था। हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर विरोधी पार्टी दबाव बना रही थी।

डमी उम्मीदवार मोती सिंह का नामांकन पहले ही हो चुका निरस्‍त

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के डमी उम्मीदवार मोती सिंह का नामांकन पहले ही निरस्त हो चुका है। कांग्रेस को पहले ही अंदेशा था, इसलिए मोती सिंह का नामांकन डमी के रूप में जमा कराया था। लेकिन अक्षय बम के नामांकन स्वीकृत होने से मोती सिंह का नामांकन निरस्त हो गया। कांग्रेस को मोती सिंह का फॉर्म निरस्त होने का अंदेशा था, लेकिन बम नामांकन वापस ले लेंगे, यह नहीं पता था। सूत्रों का कहना है कि एक पुराने मामले में कोर्ट द्वारा धारा बढ़ाने के निर्णय के बाद से बम दबाव में थे, वहीं चुनाव बाद उनकी शिक्षण संस्थाओं पर काररवाई का दबाव भी था।

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