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भारत का पहला सोलर मिशन ‘आदित्य L1’ 6 जनवरी को पहुंचेगा अपनी निर्धारित जगह

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नई दिल्ली, 23 दिसम्बर। भारत का इकलौता सोलर मिशन आदित्य L1 आगामी छह जनवरी को अपनी पूर्व निर्धारित जगह यानी लैगरेंज प्वॉइंट पर पहुंच जाएगा। यह जगह पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर स्थित है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने शनिवार को एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि आदित्य L1 को बीते दो सितम्बर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इस मिशन को सूर्य के अध्ययन के लिए खास तौर पर लांच लॉन्च किया गया है।

जानें क्या है लैग्रेंजियन प्वॉइंट

पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच ‘लैग्रेंजियन’ बिन्दु (या पार्किंग क्षेत्र) हैं, जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं रुक जाती है। लैग्रेंज बिन्दुओं का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले उनके अनुसंधान पत्र-‘एस्से सुर ले प्रोब्लेम डेस ट्रोइस कॉर्प्स, 1772 के लिए रखा गया है। लैग्रेंज बिन्दु पर सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है, जिससे किसी उपग्रह को इस बिन्दु पर रोकने में भी आसानी होती है।

आदित्य में 7 जरूरी पेलोड

गौरतलब है कि आदित्य L1 मिशन के साथ जो काम के सात इक्विपमेंट्स गए हैं, उनके नाम हैं – विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) और मैग्नेटोमीटर पेलोड। ये सभी सूरज के अध्ययन रिसर्च में बहुत काम आएंगे।