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भारत की फ्रांस से 63,000 करोड़ की डील, नौसेना को मिलेंगे 26 राफेल मरीन फाइटर जेट

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नई दिल्ली, 9 अप्रैल। भारत ने फ्रांस के साथ एक बड़ी डील पक्की की है, जिसके बाद भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ जाएगी। दरअसल, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने भारत के अब तक के सबसे बड़े लड़ाकू विमान सौदे को मंजूरी दे दी है। इसके तहत भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण को मंजूरी दी गई है। 63,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की यह खरीद फ्रांस के साथ ‘सरकार से सरकार’ समझौते के तहत होगी।

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री के इसी माह भारत दौरे में सौदे पर हस्ताक्षर की उम्मीद

फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू की इस माह के अंत में भारत यात्रा के दौरान इस सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। अनुबंध में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर राफेल मरीन जेट शामिल हैं। इसमें बेड़े के रखरखाव, रसद, कर्मियों के प्रशिक्षण और ऑफसेट दायित्वों के तहत स्वदेशी विनिर्माण को कवर करने वाला एक व्यापक समर्थन पैकेज भी शामिल है।

लगभग 5 वर्ष बाद राफेल एम जेट की डेलिवरी शुरू होने की उम्मीद

डील पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच वर्ष बाद राफेल एम जेट की डेलिवरी शुरू होने की उम्मीद है। विमान को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा और यह नौसेना के मौजूदा मिग-29K बेड़े के साथ काम करेगा।

भारतीय वायु सेना (IAF) पहले से ही अंबाला और हाशिमारा में अपने ठिकानों से 36 राफेल जेट उड़ा रही है। नए राफेल मरीन अधिग्रहण से भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में भी वृद्धि होने की उम्मीद है, खास तौर पर इसके “बडी-बडी” हवाई ईंधन भरने की प्रणाली के उन्नयन के माध्यम से। इस वृद्धि से लगभग 10 भारतीय वायुसेना के राफेल जेट विमानों को हवा में ही ईंधन भरने की अनुमति मिल जाएगी, जिससे उनकी परिचालन सीमा बढ़ जाएगी।

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