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भारत की बेटियों ने रच दिया इतिहास : पहली बार जीता ICC महिला विश्व कप, बारिश बाधित फाइनल में दक्षिण अफ्रीका 52 रनों से परास्त

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नवी मुंबई, 2 नवम्बर। घड़ी की सुइयां रविवार की मध्यरात्रि के 12 बजा रही थीं, तभी भारत का हर कोना पटाखों की गूंज और आतिशबाजियों से झिलमिला उठा। दरअसल, हमारी बेटियां अंततः इतिहास रचने में सफल हो चुकी थीं और ICC महिला विश्व कप इतिहास के नए चैम्पियन के रूप में उनका अभ्युदय हो चुका था।

आप बखूबी समझ गए होंगे कि ICC महिला विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के 13वें संस्करण का यह बारिश बाधित खिताबी मुकाबला था, जिसमें हरमनप्रीत कौर एंड कम्पनी ने बल्लेबाजी व गेंदबाजी सहित गेम के हर पहलू में समग्र प्रदर्शन किया और दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर फाइनल के तीसरे प्रयास में पहली बार चैम्पियन बन बैठी।

शेफाली व दीप्ति के अर्धशतकीय प्रहारों से भारत 298 रनों तक पहुंचा था

बारिश के चलते लगभग दो घंटे विलंब के बावजूद डॉ. डीवाई स्पोर्ट्स अकादमी स्टेडियम घरेलू प्रशंसकों से खचाखच भर चुका था तो पहले बल्लेबाजी पर बाध्य दो बार के उपजेता मेजबान दल ने उन्हें निराश भी नही किया और ओपनर शेफाली वर्मा (87 रन, 78 गेंद, दो छक्के, सात चौके) व हरफनमौला दीप्ति शर्मा (58 रन, 58 गेंद, एक छक्का, तीन चौके) के जिम्मेदाराना अर्धशतकीय प्रहारों सहित अन्य बल्लेबाजों की उपयोगी पारियों से 50 ओवरों में सात विकेट पर 298 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया।

वोल्वार्ट का शतकीय प्रयास व्यर्थ, दीप्ति के पंजे से नहीं बच सकीं अन्य बल्लेबाज

जवाबी काररवाई में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लॉरा वोल्वार्ट ने सेमीफाइनल की भांति फिर अपना कौशल प्रदर्शित किया और लगातार दूसरे शतकीय प्रहार (101 रन, 98 गेंद, एक छक्का, 11 चौके) से अपने भरसक पूरी कोशिश की। लेकिन बल्ले के बाद गेंद से भी धाकड़ प्रदर्शन करने वाली ऑफ स्पिनर दीप्ति के पंजे (5-39) से अन्य बल्लेबाज नहीं बच सकीं और पहली बार फाइनल खेल रही दक्षिण अफ्रीकी टीम 45.3 ओवरों में 246 रनों पर ही ऑलआउट हो गई।

शेफाली फाइनल की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, दीप्ति प्लेयर ऑफ द सीरीज

दिलचस्प यह रहा कि चोटिल ओपनर प्रतिका रावल के बाहर होने से सेमीफाइनल में पहली बार भारतीय एकादश में जगह पाने वालीं शेफाली ने दूसरे ही मैच में न सिर्फ बल्ले से चमक बिखेरी वरन गेंदबाजी के दौरान भी दीप्ति संग कदमताल दर्शाया और अपनी ऑफ स्पिन गेंदों से 36 रन पर दो विकेट निकाले। इस प्रदर्शन के सहारे ही उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया। वहीं दीप्ति ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ की योग्य हकदार थीं, जिन्होंने टूर्नामेंट में कुल 215 रन बनाए और विपक्षी टीमों के 22 विकेट भी निकाले।

दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने कीं तीन अर्धशतकीय भागीदारियां

फाइनल के दबाव में कठिन लक्ष्य का पीछा करने उतरे दक्षिण अफ्रीका की पारी देखें तो टूर्नामेंट में सर्वाधिक 571 रन बनाने वाली वोल्वार्ट ने बेशक, एक बार फिर मोर्चा संभाला। इस क्रम में केपटाउन की इस 26 वर्षीय बल्लेबाज ने न सिर्फ लगातार दूसरा शतक जड़ा वरन तीन अर्धशतकीय भागीदारियों से दल को 200 रनों के पार भी पहुंचाया।

स्कोर कार्ड

वोल्वार्ट ने साथी ओपनर ताजमिन ब्रिट्स (23 रन, 35 गेंद, एक छक्का, दो चौके) के रन आउट होने से पहले उनके संग 51 रन जोड़े। इसके बाद सुन लुस (25 रन, 31 गेंद, चार चौके) व लॉरा के बीच तीसरे विकेट पर 52 रनों की भागीदारी आ गई और स्कोर 114 तक जा पहुंचा। शेफाली ने अपने लगातार ओवरों में लुस व मारिजेन काप (चार रन) को लौटाया तो दीप्ति ने 30वें ओवर में सिनालो जाफा (16 रन) के रूप में अपनी पहली सफलता पाई (5-148)।

वोल्वार्ट व डेरेक्सन के बीच 61 रनों की सबसे बड़ी भागीदारी

हालांकि वोल्वार्ट ने धैर्य नहीं खोया और उन्होंने नई बल्लेबाज एनेरी डेरेक्सन (35 रन, 37 गेंद, दो छक्के, एक चौका) का साथ पाकर छठे विकेट के लिए 61 गेंदों पर 61 रनों की सबसे बड़ी भागीदारी कर दी। लेकिन दीप्ति ने 40वें ओवर में डेरेक्सन की विदाई कर यह भागीदारी तोड़ी और अपने अगले ओवर में वोल्वार्ट को जब अमनजोत से कैच कराया (7-220), तभी स्पष्ट हो गया कि अब दक्षिण अफ्रीकी संघर्ष खत्म हो चुका है।

लॉरा के आउट होते ही खत्म हो गया दक्षिण अफ्रीकी संघर्ष

उसी ओवर में क्लो ट्रायोन (नौ रन) भी चलती बनीं जबकि अयाबोंगा खाका (एक रन) के रन आउट होने के बाद दीप्ति ने 46वें ओवर की तीसरी गेंद पर नैडिन डि क्लर्क (18 रन, 19 गेंद, तीन चौके) के रूप में अपना पांचवां शिकार करने के साथ भारत की ऐतिहासिक जीत को अंतिम स्पर्श दे दिया।

ओपनरद्वय स्मृति व शेफाली ने 104 रन जोड़कर ठोस शुरुआत दी

इसके पूर्व भारतीय पारी की शुरुआत करने वालीं स्मृति मंधाना (45 रन, 58 गेंद, आठ चौके) व शेफाली पहली गेंद से विश्वसनीय दिखीं। दोनों ने विपक्षी आक्रमण का मजबूती से सामना करते हुए 106 गेंदों पर 104 रनों की भागीदारी से टीम को ठोस शुरुआत प्रदान कर दी।

शेफाली व जेमिमा रॉड्रिग्स से बीच 62 रनों की भागीदारी

ट्रॉयोन ने स्मृति को अर्धशतक से वंचित करने के साथ यह भागीदारी तोड़ी तो शेफाली ने सेमीफाइनल में ऐतिहासिक जीत के दौरान करिश्माई शतक जड़ने वालीं जेमिमा रॉड्रिग्स (24 रन, 37 गेंद, एक चौका) संग 62 गेंदों पर 62 रन जोड़ दिए। यहीं मीडियम पेसर अयाबोंगा खाका (3-58) ने त्वरित अंतराल पर शेफाली व जेमिमा को लौटा दिया।

हरमनप्रीत व ऋचा संग उपयोगी साझेदारियों से दीप्ति ने टीम को अभेद्य स्कोर दिया

लेकिन अब दीप्ति अड़ गईं और उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत (20 रन, 29 गेंद, दो चौके) के साथ चौथे विकेट के लिए 52 रनों की भागीदारी कर दी। कौर के लौटने के बाद दीप्ति को अमनजोत कौर (12 रन, 14 गेंद, एक चौका) का साथ मिला और फिर वह ऋचा घोष (34 रन, 24 गेंद, दो छक्के, तीन चौके) के साथ छठे विकेट के लिए 35 गेंदों पर 47 रनों की भागीदारी से टीम को अभेद्य स्कोर तक पहुंचाने के बाद पारी की अंतिम गेंद पर रन आउट होकर लौटीं।

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