टोरंटो, 19 सितंबर। कनाडा सरकार का भारत विरोधी चेहरा अब खुलकर सामने आ गया है। खालिस्तान के समर्थन में जस्टिन ट्रूडो सरकार ने सिख अलगाववादी नेता की हत्या में ‘‘भारत सरकार के एजेंट का हाथ” होने के ‘आरोपों” की जांच के बीच वहां की सरकार ने शीर्ष भारतीय राजनयिक को देश ने निष्कासित कर दिया है। इसके जवाब में भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के राजनयिक को तलब किया व अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने को का आदेश जारी किया है।
इस पर कनाडा ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (45) की पश्चिमी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
ट्रूडो ने सोमवार को संसद के निचले सदन ‘‘हाउस ऑफ कॉमंस” में अपने संबोधन में कहा, ‘‘कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के पुख्ता आरोपों की कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सक्रियता से जांच कर रही हैं।” ट्रूडो के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने मंगलवार को इन्हें ‘‘बेतुका” और ‘‘बेबुनियाद” करार दिया। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता के आरोप बेतुके और बेबुनियाद हैं।”
मंत्रालय ने कहा, ‘‘कनाडा के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री से बातचीत में भी इसी तरह के आरोप लगाए थे, जिन्हें सिरे से खारिज कर दिया गया था।” विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध है।” ट्रूडो ने सांसदों को कहा कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में विदेशी सरकार की किसी भी तरह की संलिप्तता ‘‘अस्वीकार्य है और यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है।”