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बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल : भारतीय महिला हॉकी टीम ने 16 वर्षों बाद जीता पदक, कांस्य पदक प्लेऑफ में न्यूजीलैंड को शूटआउट किया

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बर्मिंघम, 7 अगस्त। कप्तान सविता पूनिया के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय महिला हॉकी टीम ने रविवार को यहां गत चैंपियन न्यूजीलैंड को पेनाल्टी शूटआउट में 2-1 से हराकर 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीत लिया। भारतीय महिला हॉकी टीम का राष्ट्रमंडल खेलों में 16 वर्षों में यह पहला पदक है।

भारत ने अंतिम बार 2006 में जीता था रजत पदक

राष्ट्रमंडल खेलों के मैनचेस्टर संस्करण (2002) की विजेता भारतीय महिलाओं ने पिछली बार 2006 में रजत पदक जीता था जबकि 2018 में गोल्ड कोस्ट में उन्हें चौथे स्थान पर रहना पड़ा था। फिलहाल भारत के लिए यह कांस्य पदक निश्चित रूप से राहत प्रदान करने वाला रहा, जिसे विवादास्पद शूटआउट तक खिंचे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा था।

निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 बराबर था

भारत ने सलिमा टेटे के 29वें मिनट के गोल से अंतिम लम्हों तक 1-0 से बढ़त ले रखी थी, लेकिन आखिरी 30 सेकेंड से भी कम समय में उसने विरोधी टीम को पेनाल्टी कॉर्नर दे दिया। यह पेनाल्टी स्ट्रोक में बदला और ओलीविया मेरी ने न्यूजीलैंड को बराबरी दिला दी, जिसके बाद मुकाबला शूटआउट में खिंच गया।

शूटआउट में भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता ने तीन शानदार बचाव किए

शूटआउट में भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता ने तीन प्रयासों को शानदार तरीके से नाकाम करके भारत का तीसरा राष्ट्रमंडल पदक पक्का किया। शूटआउट में मेगान हुल ने न्यूजीलैंड को बढ़त दिलाई, लेकिन सविता ने रोस टाइनन, केटी डोर और ओलीविया शेनन के प्रयासों को नाकाम कर दिया। भारत के लिए सोनिका और नवनीत ने गोल दागते हुए टीम की जीत सुनिश्चित की।

ऑस्ट्रेलिया को हरा इंग्लैंड ने जीता स्वर्ण पदक

इस बीच देर शाम छह बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम फाइनल में इंग्लैंड के हाथों 1-2 से हार गई। स्वर्ण पदक विजेता इंग्लैंड को भारत ने पूल चरण में बराबरी पर रोका था , जिसे ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।

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