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एशिया टीम बैडमिंटन : भारतीय महिलाएं पहली बार फाइनल में, शीर्षस्थ जापान को स्तब्ध किया

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शाह आलम (मलेशिया), 17 फरवरी। भारतीय महिला टीम ने बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप (BATC) में अपना स्वप्निल सफर जारी रखते हुए शनिवार को भी इतिहास रचा और रोमांचक सेमीफाइनल में टॉप सीड व दो बार के पूर्व चैम्पियन जापान को 3-2 से स्तब्ध करते हुए पहली बार फाइनल में प्रवेश कर लिया।

देखा जाए तो भारत अब इस महाद्वीपीय चैम्पियनशिप में पहला स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करेगा। इसके पूर्व भारत ने 2016 और 2020 के चरण में पुरुष टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते थे। लेकिन इस बार पुरुष टीम की क्वार्टर फाइनल में चुनौती समाप्त हो गई।

पहला एकल रबर गंवाने के  बाद जापान को 3-2 से शिकस्त दी

सेतिआ सिटी कन्वेंशन सेंटर के कोर्ट नंबर दो पर जापान के खिलाफ हालांकि भारत की शुरुआत खराब रही, जब देश की शीर्षस्थ शटलर पीवी सिंधु पहले एकल रबर में हार गईं। लेकिन तृषा जॉली व गायत्री गोपीचंद की दुनिया की 23वें नंबर की जोड़ी ने पहला युगल, दुनिया की 53वें नंबर की खिलाड़ी अस्मिता चालिहा ने दूसरा एकल और 17 वर्षीया अनमोल खरब ने निर्णायक एकल जीतकर भारत को खिताबी देहरी तक पहुंचा दिया।

थाईलैंड से खिताबी मुकाबला आज

दिलचस्प तो यह है कि भारतीय टीम ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ ही प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार पदक पक्का किया था और अब रविवार को फाइनल में वह थाईलैंड के सामने होगी। थाईलैंड ने एक अन्य सेमीफाइनल में इंडोनेशियाई को 3-1 से शिकस्त दी।

जापानी टीम की बात करें तो वह अकाने यामागुची (दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी), युकी फुकुशिमा और सयाका हिरोटा (दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी) तथा मायु मातसुमोटो और वाकाना नागाहारा (दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी) के बिना खेल रही थी। इसके बावजूद उसने भारत के सामने कड़ी चुनौती पेश की।

पहले एकल में सिंधु की हार के बाद भारत की शानदार वापसी

चोट के कारण लंबे समय बाद वापसी कर रही पीवी सिंधु हालांकि पहले एकल में अया ओहोरी के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर सकी और 13-21, 20-22 से हार गई। लेकिन तृषा और गायत्री ने पहले युगल में शानदार प्रदर्शन किया और नामी मातसुयामा और चिहारू शिडा की दुनिया की छठे नंबर की जोड़ी पर 73 मिनट में 21-17, 16-21, 22-20 की जीत से भारत को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।

अस्मिता ने फिर पूर्व विश्व चैम्पियन नोजोमी ओकुहारा (20वीं रैंकिंग) के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाया। इस भारतीय ने अपने क्रास शॉट और स्मैश का बखूबी इस्तेमाल कर 21-17, 21-14 से उलटफेर भरी जीत से भारत को 2-1 से आगे कर दिया।

तनीषा क्रैस्टो को चोट लगी है, जिससे सिंधु ने अश्विनी पोनप्पा के साथ जोड़ी बनाई, लेकिन वे रेना मियायूरा और अयाको साकुरामोटो की दुनिया की 11वें नंबर की जोड़ी की बाधा पार नहीं कर सकी और 43 मिनट में 14-21 11-21 से हार गईं। इस प्रकार स्कोर फिर 2-2 बराबर हो गया।

17 वर्षीया अनमोल खरब ने निर्णायक एकल में जीत सुनिश्चित की

निर्णायक एकल के लिए अनमोल खरब को दुनिया की 29वें नंबर की खिलाड़ी नातसुकी निडायरा को हराने की जिम्मेदारी सौंपी गई और इस भारतीय ने भी उम्मीदों के अनुरूप 52 मिनट में 21-14, 21-18 से जीत दर्ज कर भारत को पहली बार फाइनल में पहुंचा दिया।