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भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने पेरिस ओलम्पिक का टिकट सुनिश्चित किया

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चेन्नई, 22 जून। एटीपी रैंकिंग में भारत के शीर्षस्थ एकल टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने पेरिस ओलम्पिक खेलों के लिए टिकट सुनिश्चित कर लिया है। नागल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मैंने आधिकारिक तौर पर 2024 पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। यह मेरे लिए एक यादगार पल है क्योंकि ओलम्पिक मेरे दिल में एक खास जगह रखता है।’

एकल स्पर्धा में जगह बनाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी

26 वर्षीय नागल, लिएंडर पेस (1992-2000) के बाद ग्रीष्मकालीन खेलों के लगातार संस्करणों में एकल स्पर्धा में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। पेस ने 1996 में अटलांटा ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था, जो इस आयोजन में भारत का दूसरा व्यक्तिगत पदक था।

नागल ने टोक्यो ओलम्पिक में पुरुष एकल में भी भाग लिया था, जहां वह दूसरे दौर में दूसरे वरीयता प्राप्त रूसी डेनियल मेडवेडेव से हार गए थे।

युगल में बोपन्ना व श्रीराम बालाजी चुनौती पेश करेंगे

पेरिस ओलम्पिक खेलों में युगल स्पर्धा की बात करें तो रोहन बोपन्ना और एन श्रीराम बालाजी भारतीय चुनौती पेश करेंगे। युगल रैंकिंग के टॉप 10 में शामिल होने के नाते बोपन्ना के पास अपना जोड़ीदार चुनने का विकल्प था। अखिल भारतीय टेनिस संघ (AITA) ने उनकी पसंद को मंजूरी दे दी और उन्हें बालाजी के साथ जोड़ा।

नागल के लिए यह सीजन शानदार रहा है

इस बीच देखा जाए तो नागल के लिए यह सीजन शानदार रहा है। भारतीय खिलाड़ी ने वर्ष की शुरुआत ऑस्ट्रेलियाई ओपन के मुख्य ड्रॉ के लिए क्वालीफाई करके की, जहां उन्होंने शुरुआती दौर में 31वीं वरीयता प्राप्त कजाख अलेक्जेंडर बुब्लिक को हराया। वह 35 साल में किसी स्लैम में वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को हराने वाले पहले भारतीय पुरुष बने।

इसके बाद उन्होंने चेन्नई ओपन एटीपी चैलेंजर जीतकर एटीपी रैंकिंग में शीर्ष 100 में जगह बनाई। वह मोंटे कार्लो मास्टर्स में मुख्य ड्रॉ में जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय पुरुष भी बने, जहां उन्होंने पहले राउंड में इटली के माटेओ अर्नाल्डी को हराया। नागल ने फ्रेंच ओपन में पदार्पण किया और विंबलडन में भी मुख्य ड्रॉ में खेलने के लिए तैयार हैं।

एटीपी रैकिंग में संप्रति 71वें नंबर हैं नागल

हाल ही में, भारतीय खिलाड़ी ने जर्मनी के हीलब्रॉन में चैलेंजर टूर पर अपना छठा खिताब जीता। इस परिणाम ने उन्हें 10 जून को एटीपी रैंकिंग में 77वें स्थान पर पहुंचा दिया, जो पेरिस के लिए योग्यता की कट-ऑफ तिथि थी, और उन्हें वैकल्पिक खिलाड़ियों में से एक बना दिया। उन्होंने उस खिताब के बाद अगले सप्ताह इटली के पेरुगिया में उपविजेता स्थान हासिल किया और 71वें स्थान पर पहुंच गए, जो 1973 में रैंकिंग की कम्प्यूटरीकृत प्रणाली की शुरुआत के बाद से किसी भारतीय पुरुष द्वारा हासिल की गई संयुक्त चौथी सर्वोच्च रैंकिंग है।