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भारतीय रेलवे जल्द लॉन्च करेगी पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और वंदे मेट्रो

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नई दिल्ली, 16 सितम्बर। भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का पहला संस्करण शुरू करने जा रही है। इसी क्रम में अगले वर्ष की शुरुआत तक तक वंदे मेट्रो भी चलाई जाएगी। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के महाप्रबंधक बीजी माल्या ने शनिवार को बताया, ‘वंदे भारत के स्लीपर कोच को चालू वित्तीय वर्ष में पेश किया जाएगा, जहां पहली ट्रेन का उत्पादन चल रहा है और इसे मार्च, 2024 में शुरू किया जाएगा।”

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें भारतीय रेलवे के बेड़े में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होंगी क्योंकि वे यात्रियों को रातभर में इन हाई-स्पीड ट्रेनों पर लंबी दूरी की यात्रा करने की अनुमति देंगी। माल्या ने कहा कि आईसीएफ वंदे मेट्रो का भी विकास कर रही है। वंदे मेट्रो 12 कोच वाली ट्रेन होगी, जिसका इस्तेमाल कम दूरी की यात्रा के लिए किया जाएगा। इस ट्रेन के जनवरी, 2024 तक शुरू होने की उम्मीद है।

इसी वित्त वर्ष में लॉन्च होंगी दोनों ट्रेनें

बीजी माल्या ने कहा, ‘हम इस वित्तीय वर्ष के भीतर वंदे का स्लीपर संस्करण लॉन्च करेंगे। हम इसी वित्तीय वर्ष में वंदे मेट्रो भी लॉन्च करेंगे और इस ट्रेन को गैर-वातानुकूलित यात्रियों के लिए लॉन्च करेंगे। जिसे कहा जाता है – एसी पुश-पुल ट्रेन, जिसमें 22 कोच और एक लोकोमोटिव होगा और यह लॉन्च 31 अक्टूबर से पहले होने जा रहा है।’

मौजूदा समय वंदे भारत एक्सप्रेस की 50 परिचालन सेवाएं

उल्लेखनीय है कि भारत की सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस देशभर के लगभग सभी रेल-विद्युतीकृत राज्यों में अपनी सेवाएं प्रदान करती है। 50 परिचालन सेवाओं के साथ, वंदे भारत एक्सप्रेस ने रेल यात्रा में क्रांति ला दी है, अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की हैं और यात्रियों के लिए यात्रा का समय कम किया है।

प्रधानमंत्री ने 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। इन ट्रेनों का निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया जाता है।

स्वदेशी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेट बनाने की परियोजना 2017 के मध्य में शुरू हुई और 18 महीने के भीतर, आईसीएफ चेन्नई ने ट्रेन-18 को पूरा किया। भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन की मेड-इन-इंडिया स्थिति पर जोर देने के लिए जनवरी, 2019   में इसका नाम बदलकर वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया। ट्रेन ने कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन पर 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की।

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