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पेरिस पैरालम्पिक : भारतीय पैरा तीरंदाज सरिता कुमारी व शीतल देवी खिताबी दौड़ से बाहर

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पेरिस, 31 अगस्त। भारत को शनिवार को यहां पेरिस पैरालम्पिक की तीरंदाजी स्पर्धा में निराशा का सामना करना पड़ा, जब सरिता कुमारी का शानदार प्रदर्शन क्वार्टर फाइनल में समाप्त हो गया और बिना हाथ वाली शीतल देवी कंपाउंड महिला ओपन वर्ग में अंतिम-16 चरण से बाहर हो गईं।

भारत को तीसरे दिन एक कांसे से संतोष करना पड़ा

इसके पूर्व दिन में निशानेबाजी स्पर्धाओं में भारत को चौथा पदक मिला, जब पैरा शूटर रूबिना फ्रांसिस ने महिलाओं की एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही वह पिस्टल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा शूटर बन गईं। कुल मिलाकर देखें तो पेरिस पैरालम्पिक खेलों में भारत ने अब तक एक स्वर्ण, एक रजत व तीन कांस्य सहित पांच पदक जीते हैं।

शुरुआती दो राउंड में दबदबे के बाद तुर्की की ओजनूर से हारीं सरिता

नौवीं वरीयता प्राप्त फरीदाबाद की सरिता ने पहले और दूसरे राउंड में दबदबा बनाए रखा, लेकिन शीर्ष वरीयता प्राप्त तुर्की की ओजनूर क्योर गिर्डी ने 145-140 के अंतर की जीत से अंतिम आठ में उनके सपनों की दौड़ को रोक दिया।

ओजनूर ने क्वालीफाइंग दौर में 720 अंकों में से 704 अंकों के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने सरिता के खिलाफ दूसरे दौर के बाद तीन परफेक्ट 10 का स्कोर बनाकर पांच अंकों की अच्छी बढ़त बना ली। ओजनूर ने दूसरे दौर में 30 का स्कोर करने के बाद पांच अंको की बड़ी बढ़त बना ली। सरिता ने तीसरे और चौथे दौर में 10 अंक वाले पांच निशाने के साथ वापसी की, लेकिन वह ओजनूर से चार अंक दूर रही। सरिता पांचवें दौर में ओजनूर के 29 के मुकाबले 28 अंक ही बना सकी।

इसके पूर्व सरिता ने इटली की एलेनोरा सार्टी को एकतरफा मुकाबले में 141-135 से हराकर शानदार शुरुआत की थी। भारतीय तीरंदाज ने सिर्फ एक अंक गंवाकर चार अंकों की बढ़त बनाई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिर अपनी बढ़त को पांच अंक तक पहुंचा दिया। इसमें उन्होंने केंद्र के करीब एक शॉट लगाया। वहीं उनसे ऊंची रैंकिंग वाली इटली की प्रतिद्वंद्वी ने दो बार 10 अंक हासिल किए। लेकिन सरिता ने नियंत्रण बनाये रखा और जीत दर्ज की। सरिता ने पहले दौर के मुकाबले में मलेशिया की नूर जन्नतन अब्दुल जलील को 138-124 से हराया था।

वहीं सभी की निगाहें जम्मू-कश्मीर की 17 वर्षीया शीतल पर लगी थीं। उन्होंने 703 का स्कोर बनाकर पिछले 698 के विश्व रिकॉर्ड को बेहतर किया था। उन्हें अंतिम 16 राउंड में बाई मिली थी। शीतल का जन्म फोकोमेलिया सिंड्रोम नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था, जिसके कारण उनके अंग अविकसित रह गए थे।

पहला सेट जीतने के बाद चिली की मारियाना के हाथों एक अंक से हारीं शीतल

शीतल ने पहला सेट 29-28 से अपने नाम किया, लेकिन चिली की तीरंदाज मारियाना ने दूसरे सेट में 27-26 की जीत से बराबरी हासिल की। अगले आठ तीर में कांटे की टक्कर रही, जिसमें मारियाना ने अंतिम तीर में नौ अंक हासिल करके शीतल को पछाड़ दिया, जो आठ अंक बनाकर एक अंक (137-138) से पिछड़ गईं।