नई दिल्ली, 6 मई। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार हैं। दरअसल, वह 12 वर्षों बाद फिर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने जा रही हैं। सुनीता बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष जाएंगी। उनके साथ बुच विल्मोर भी होंगे।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के अनुसार यह स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न आठ बजकर चार मिनट पर लॉन्च होगा। इसे कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में लगभग एक हफ्ते तक रहेंगे।
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— NASA (@NASA) May 5, 2024
उल्लेखनीय है कि बोइंग स्टारलाइनर के जरिए पहली बार अंतरिक्ष यात्री को स्पेस ले जाया जा रहा है। इससे पहले 2019 में Boe-OFT और 2022 में Boe-OFT2 लॉन्च किया गया था। स्टारलाइनर मिशन पर एक अरब डॉलर से ज्यादा का खर्च होने का अनुमान है।
यदि यह मिशन कामयाब होता है तो इसे अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जाएगा। 2011 में नासा ने अपनी स्पेस शटल फ्लीट को रिटायर कर दिया था। इसके बाद नासा ने कमर्शियल क्रू प्रोग्राम लॉन्च किया था, जिसके तहत एलन मस्क की कम्पनी स्पेसएक्स और बोइंग स्पेसक्राफ्ट बना रही है। मिशन के कामयाब होने पर बोइंग के स्टारलाइन एयरक्राफ्ट को स्पेस मिशन के लिए अथॉराइज्ड भी कर दिया जाएगा। इससे पहले 2020 में स्पेसएक्स के एयरक्राफ्ट ने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा था।
सुनीता बोलीं – ‘यह सफर घर जाने जैसा होगा‘
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं। उनसे पहले कल्पना चावला अंतरिक्ष जा चुकी थीं। इस बीच सुनीता विलियम्स ने समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘जब मैं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचूंगी तो ये घर जाने जैसा होगा।’
तीसरी बार अंतरिक्ष की सैर पर जा रहीं सुनीता
59 वर्षीया सुनीता विलियम्स अब तक दो बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं। इससे पहले वह 2006 और 2012 में अंतरिक्ष जा चुकी हैं। नासा के अनुसार उन्होंने अंतरिक्ष में अब तक कुल 322 दिन व्यतीत किए हैं।
2006 में सुनीता अंतरिक्ष में 195 दिन और 2012 में 127 दिनों तक रही थीं. 2012 के मिशन की खास बात यह थी कि सुनीता ने तीन बार स्पेस वॉक की थी। स्पेस वॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन से बाहर आते हैं। हालांकि, पहली यात्रा के दौरान उन्होंने चार बार स्पेस वॉक की थी।
लड़ाकू विमान भी उड़ा चुकी हैं यूएस नेवल एकेडमी से ग्रेजुएट विलियम्स
वर्ष 1965 में जन्मी सुनीता विलियम्स 1987 में यूएस नेवल एकेडमी से ग्रेजुएट होने के बाद नासा पहुंचीं। 1998 में नासा में उन्हें एस्ट्रोनॉट चुना गया था। उनके पिता दीपक पंड्या 1958 में अहमदाबाद से अमेरिका जाकर बस गए थे। लड़ाकू विमान भी उड़ा चुकीं सुनीता के पास 30 तरह के लड़ाकू विमानों पर तीन हजार से ज्यादा घंटों की उड़ान भरने का अनुभव है।
अंतरिक्ष की कहानी…सुनीता की जुबानी
टेक्सास में एक पुलिस अफसर माइकल विलियम्स से शादी रचाने वाली सुनीता ने एक बार अपनी अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव भी साझा किया था। उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में पानी टिका नहीं रहता। बुलबुलों की तरह इधर-उधर उड़ता है। हाथ-मुंह धोने के लिए तैरते बुलबुलों को पकड़कर कपड़ा गीला करते थे।
बकौल सुनीता, वहां खाना भी अजीब तरीके से खाना पड़ता था। सभी अंतरिक्ष यात्री खाने वाले कमरे में जाते और उड़ते हुए पैकेटों को पकड़ते थे। अंतरिक्ष में कंघी करने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी क्योंकि वहां हमेशा बाल खड़े रहते हैं। उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में यात्री हर वक्त हवा में तैरते रहते हैं। यदि कहीं टिककर काम करना होता है तो खुद को बेल्ट से बांधना पड़ता है।