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ब्रिटेन : प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भारतीय मूल के ऋषि सुनक सबसे आगे, केमी बेडनोच दौड़ से बाहर

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लंदन, 19 जुलाई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद को लेकर हुए एक और मतदान में भारतीय मूल के ऋषि सुनक 118 वोट पाकर फिर शीर्ष पर रहे जबकि केमी बेडनोच दौड़ से बाहर हुईं। पूर्व चांसलर ऋषि सुनक ने संसद के कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच मतदान में शीर्ष स्थान हासिल किया।

पूर्व चांसलर सुनक को चौथे दौर के मतदान में 118 मत मिले

भारतीय मूल के पूर्व चांसलर 42 वर्षीय सुनक को उनकी पार्टी के सहयोगियों द्वारा चौथे दौर के मतदान में 118 वोट मिले, जो उन्हें बोरिस जॉनसन की जगह लेने की दौड़ में अंतिम दावेदारों में से एक के रूप में अपनी जगह पक्की करने के लिए जरूरी 120 वोट या कंजर्वेटिव पार्टी के एक तिहाई सांसदों से थोड़ा ही कम है। सुनक ने सोमवार के 115 वोटों से अपनी संख्या में बढ़ोतरी की जबकि व्यापार मंत्री पेनी मोर्डंट को 92 वोट मिले और विदेश मंत्री लिज ट्रूस को 86 वोट मिले।

आज पांचवें दौर के मतदान के बाद अंतिम दो उम्मीदवारों का फैसला होगा

अंतिम दो उम्मीदवारों के नाम बुधवार को पांचवें दौर के मतदान के बाद पता चलेंगे, जिसके अंत में कंजर्वेटिव पार्टी मुख्यालय ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों में संभावित मतदाताओं को इन दो उम्मीदवारों द्वारा संबोधित करने का कार्यक्रम आयोजित करेगा।

इसके बाद ध्यान टोरी पार्टी के सदस्यता आधार को पक्ष में करने का होगा। अनुमान के अनुसार इन सदस्यों की संख्या लगभग 160,000 है, जो इन दो उम्मीदवारों में से किसी एक के पक्ष में मतदान करेंगे। अगस्त के अंत में उन वोटों की गिनती की जाएगी और 5 सितंबर तक विजेता की घोषणा होगी।

बोरिस जॉनसन ने बतौर पीएम कैबिनेट की अंतिम बैठक की अध्यक्षता की

इस बीच ब्रिटेन के निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक नए नेता के चुनाव के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों द्वारा चौथे दौर के लिए गुप्त मतदान किए जाने से पहले हुई। 58 वर्षीय जॉनसन ने देश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच जलवायु परिवर्तन से निबटने में अपनी सरकार के रिकॉर्ड और प्रतिबद्धता का बचाव किया।

उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट में अपने मंत्रियों से कहा, “कौन संदेह कर सकता है कि हम ‘नेट जीरो’ के मार्ग की ओर बढ़ने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को लेकर एकदम सही हैं।” कार्यवाहक प्रधानमंत्री को बदलकर एक नए निर्वाचित नेता की पांच सितंबर को होने वाली घोषणा से पहले ब्रिटेन की संसद का गुरवार से वार्षिक ग्रीष्मकालीन अवकाश निर्धारित है। संसद का अगला सत्र नए प्रधानमंत्री के कार्यभार संभालने के बाद होगा।

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