वाशिंगटन, 11 जून। अमेरिका के न्यू जर्सी में एक प्रमुख जैन आध्यात्मिक संत ने विश्व शांति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य शांति दूतों को प्रशिक्षण देने सहित विभिन्न तरीकों से वैश्विक शांति को बढ़ावा देना है।
भारत के आचार्य लोकेश मुनि ने एक साक्षात्कार में कहा, “न्यू जर्सी में विश्व शांति केंद्र की स्थापना एक ऐसा मंच बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां वैश्विक टकराव का समाधान किया जा सकता है। चाहे वह यूक्रेन में चल रहा युद्ध हो या इजराइल-फलस्तीन संघर्ष, इसका उद्देश्य हिंसा बढ़ने से पहले विवादित पक्षों को बातचीत की मेज पर लाना है।”
विश्व शांति केंद्र के लिए न्यू जर्सी में जगह की पहचान कर ली गई है। यह आचार्य मुनि द्वारा स्थापित दूसरा ऐसा केंद्र होगा। ऐसे पहले केंद्र की स्थापना उन्होंने नयी दिल्ली में की है जिसका जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा। मुनि के अनुसार, विश्व शांति केंद्र का प्राथमिक लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थता और समाधान के लिए एक केंद्र के रूप में काम करना है और शांति व अहिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
यह पहल दुनिया भर में संघर्षों का समाधान करने और उन्हें हल करने के उद्देश्य से एक व्यापक ‘शांति और सद्भाव के दौर’ का हिस्सा है। प्रख्यात जैन संत ने कहा कि मध्य पूर्व से लेकर यूक्रेन तक दुनिया भर में संघर्ष फैल चुका है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और बच्चों तथा महिलाओं को कष्ट उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा ‘‘सवाल यह उठता है कि युद्ध शुरू होने से पहले ही क्यों न उन्हें संवाद के जरिये समाधान निकालने के उद्देश्य से बातचीत के लिए लाया जाए?’’ विश्व शांति केंद्र के बारे में उन्होंने कहा ‘‘सरकार और पुलिस प्रशासन अपना काम करेंगे, लेकिन यह केंद्र दुनिया भर में शांति दूतों को प्रशिक्षित करेगा। जब भी जरूरत होगी, संघर्ष वाले क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भूमिका होगी।’’
लोकेश मुनि शांति के लिए काम करने वाले और अहिंसा पर जोर देने वाले अहिंसा विश्व भारती संगठन के संस्थापक हैं। आम लोगों के कल्याण और मानवता में योगदान के लिए उन्हें अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति के गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।