इस्लामाबाद, 17 मार्च। तंगहाली से गुजर रहे पाकिस्तान ने पहली बार एक निजी भारतीय व्यापारी को नई दिल्ली, इस्लामाबाद, काबुल और ताशकंद के बीच व्यापार गतिविधि के तहत उज्बेकिस्तान को वाणिज्यिक सामान निर्यात करने की अनुमति दी है। इसके तहत कम से कम 140 टन कार्गो पाकिस्तान से पार कर गया और तोरखम सीमा के माध्यम से अफगानिस्तान तक पहुंचा। वहां से शिपमेंट को बुधवार को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद की ओर भेजा गया।
काबुल में अफगानी वाणिज्य मंत्रालय ने विशेष समारोह का आयोजन किया
अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता मौलाना जहीर ने कहा कि काबुल में भारतीय सामानों की आवाजाही की सुविधा के लिए मंत्रालय ने एक विशेष समारोह का आयोजन किया था। शिपमेंट एक दिन पहले पाकिस्तान से तोरखम सीमा पार से काबुल पहुंचा। उन्होंने कहा, ‘यह अफगानिस्तान को मध्य और दक्षिण एशिया के बीच एक प्रमुख व्यापारिक कड़ी में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’
For the first time, #Indian exports reached #Uzbekistan via #Pakistan & #Afghanistan. Trucks carrying 140 tons of cargo,mostly Indian sugar, departed #Kabul for the #Uzbek capital #Tashkent, Says spokesperson for the Taliban's Ministry of Industry and Commerce Maulana Zaheer pic.twitter.com/ZgUnQID5HO
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) March 17, 2022
प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्गो मुंबई से आया था और इस महीने की शुरूआत में कराची बंदरगाह के माध्यम से यात्रा की थी, जहां उज्बेक आयातक ने इसे प्राप्त किया था। माल को फिर कराची से ट्रकों में लाद दिया गया और अफगानिस्तान में तोरखम सीमा की ओर भेजा गया, जिसके बाद यह उज्बेकिस्तान की यात्रा पर रवाना हुआ।
पाकिस्तान-उज्बेकिस्तान व्यापार समझौते का असर
एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, ‘यह पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच हाल ही में हुए द्विपक्षीय पारगमन व्यापार समझौते के तहत किया गया था।’ समझौते पर उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव की हालिया यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके दौरान कई द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर परस्पर सहमति हुई और उन्हें अमल में लाया गया।
चारों देशों में से किसी सरकार की भागीदारी नहीं
पाकिस्तानी अधिकारी ने यह भी कहा, ‘उज्बेकिस्तान जाने वाली भारतीय वाणिज्यिक खेप समझौते के तहत एक निजी तौर पर व्यवस्थित गतिविधि थी और इसमें चार देशों में से किसी की भी सरकार की भागीदारी नहीं थी। यह एक नियमित गतिविधि नहीं होगी और उज्बेकिस्तान पाकिस्तानी बंदरगाहों के माध्यम से कहीं से भी सामान आयात करने में सक्षम होगा।’
अधिकारी ने यह भी खुलासा किया कि अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार व्यापार गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए बाध्य है और उज्बेकिस्तान को भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए पाकिस्तानी बंदरगाहों तक पहुंचने का अधिकार है, वही अधिकार अफगानिस्तान के लिए सुविधाजनक है।